50 फीसद स्टाफ की हाजिरी के फैसले का डीटीएफ ने किया विरोध
डीटीएफ पंजाब ने पंजाब सरकार द्वारा शिक्षा विभाग में 50 प्रतिशत स्टाफ की हाजिरी के फैसले को सही तरीके से लागू न करने सहित शिक्षा सचिव द्वारा महामारी में मनमर्जी करने के रोष में 17 मई को संघर्ष का ऐलान किया है।
जागरण संवाददाता, संगरूर
डीटीएफ पंजाब ने पंजाब सरकार द्वारा शिक्षा विभाग में 50 प्रतिशत स्टाफ की हाजिरी के फैसले को सही तरीके से लागू न करने सहित शिक्षा सचिव द्वारा महामारी में मनमर्जी करने के रोष में 17 मई को संघर्ष का ऐलान किया है।
संगठन के राज्य प्रधान विक्रमदेव सिंह, महासचिव मुकेश कुमार, राज्य उपप्रधान रघवीर सिंह व जिला प्रधान निर्भय सिंह ने कहा कि सरकार को महामारी के समय में लोक विरोधी नीतियों को त्याग देना चाहिए और सेहत बजट को बढ़ाने, सेहत सुविधाओं में बढ़ोतरी, कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने, बड़े स्तर पर भर्ती करने, अध्यापकों को कोरोना योद्धा एलान करने, गर्भवती अध्यापकों व कैंसर सहित करोनिक बीमारियों से पीड़ितों को घर से काम करने के तहत स्कूल आने से छूट देनी चाहिए। संगठन के राज्य कमेटी सदस्य मेघराज, दलजीत सिंह, सुखविदर सिंह, जिला महासचिव अमन विशिष्ट, उपप्रधान विक्रमजीत सिंह ने कहा कि गत दिनों सरकार ने राज्य के सरकारी कार्यालयों व स्कूलों में काम करते मुलाजिमों से 50 स्टाफ को रोटेशनवाइज हाजिर होने की हिदायत की थी, लेकिन सेहत विभाग ने 10 से अधिक स्टाफ वाले स्कूलों पर ही लागू करने संबंधी पत्र जारी कर सरकार के निर्देश को नजरंदाज किया है। इसी रोष में संगठन द्वारा 17 मई को ब्लाक स्तर पर सरकार की अर्थी फूंकी जाएंगी।