डा. आंबेडकर ने एससी वर्ग को गुलामी की जंजीरों से आजाद करवाया : कांगड़ा
समूह वाल्मीकि समाज द्वारा डा. बीआर आंबेडकर के जन्मदिन पर वाल्मीकि समाज के कार्यकर्ता एसके हंस की अगुआई में भगवान वाल्मीकि मंदिर लवकुश नगर में समागम का आयोजन किया गया।
जागरण टीम, संगरूर
समूह वाल्मीकि समाज द्वारा डा. बीआर आंबेडकर के जन्मदिन पर वाल्मीकि समाज के कार्यकर्ता एसके हंस की अगुआई में भगवान वाल्मीकि मंदिर लवकुश नगर में समागम का आयोजन किया गया। समागम में दलित वेलफेयर संगठन के प्रांतीय प्रधान दर्शन कांगड़ा ने मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत की।
उन्होंने कहा कि डा. आंबेडकर ने अनुसूचित जाति वर्ग को गुलामी की जंजीरों से आजाद करवाकर उन्हें समाज में आजादी से जिदगी व्यतीत करने का अधिकार दिलाया व संविधान की रचना करके अनुसूचित जाति वर्ग को बराबरी का अधिकार दिलाया। अफसोस है कि आज के समय में भी डा. आंबेडकर के लिखे संविधान को बदलने की कोशिश की जा रही है, ताकि अनुसूचित जाति वर्ग को फिर से गुलामी की जंजीरों में जकड़ा जा सकें, लेकिन अपने अधिकारियों को बचाने के लिए सभी को एकजुट होना बेहद जरूरी है। हंस ने कहा कि बाबा डा. आंबेडकर केवल अनुसूचित जाति ही नहीं, बल्कि देश के हर वर्ग के मसीहा हैं, उन्होंने देश में हर वर्ग को बराबर का अधिकार दिलाया जिसकी बदौलत आज हर व्यक्त आजादी का आनंद मना रहा है। बच्चों को शिक्षा सामग्री वितरित की गई।
उधर, अहमदगढ़ के गुरु हरकृष्ण गर्ल्स कालेज फल्लेवाल में डा. आंबेडकर की 130वीं जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। संस्था के चेयरमैन लाभ सिंह आहलुवालिया, सचिव इकबाल सिंह आहलुवालिया व डायरेक्टर डा. एए खान ने डा. आंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित किए। कालेज के डायरेक्टर खान ने बाबा साहिब के जीवन पर प्रकाश डाला। चेयरमैन लाभ सिंह ने कहा कि डा. आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ। डा. आंबेडकर एक नाम ही नहीं बल्कि युग है। उन्होंने भारतीय संविधान का निर्माण करके देश को एक सूत्र में बाधा व हर किसी को बराबर के अधिकार प्रदान किए। अंत में समूह स्टाफ को मिठाई बांटी गई।