दो सप्ताह से डोप टेस्ट, अल्ट्रासाउंड बंद, लोग बेहाल

छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट से खफा सरकारी अस्पताल के डाक्टरों की लगातार जारी हड़ताल के कारण सेहत सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 04:22 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 04:22 PM (IST)
दो सप्ताह से डोप टेस्ट, अल्ट्रासाउंड बंद, लोग बेहाल
दो सप्ताह से डोप टेस्ट, अल्ट्रासाउंड बंद, लोग बेहाल

जागरण संवाददाता, संगरूर

छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट से खफा सरकारी अस्पताल के डाक्टरों की लगातार जारी हड़ताल के कारण सेहत सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं। डाक्टरों द्वारा सरकारी ओपीडी पर्ची का बायकाट करके पैरलल ओपीडी चलाई जा रही है। डाक्टर मरीजों का चेकअप तो कर रहे हैं, लेकिन अस्पताल में होने वाली डोप टेस्ट, मेडिकल इत्यादि की सुविधाएं ठप पड़ी हैं। डाक्टर 12 जुलाई से लगातार सरकारी सेवाओं को छोड़कर पैरलल ओपीडी कर रहे हैं। ऐसे में दो सप्ताह से लोगों के डोप टेस्ट नही हुए हैं, जबकि इससे पहले आम दिनों में रोजाना सिविल अस्पताल में असलाह लाइसेंस धारकों के दस से पंद्रह डोप टेस्ट किए जाते थे। वहीं अल्ट्रासाउंड सुविधा बंद होने के कारण गर्भवती महिलाओं सहित अन्य मरीज भी परेशान हैं।

उल्लेखनीय है कि असलहा लाइसेंस बनवाने व रिन्यू करवाने के लिए डोप टेस्ट करवाना बेहद जरूरी है। डोप टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर असलहा लाइसेंस का आवेदन किया जाता है। ऐसे में अस्पताल में आवेदनकर्ता डोप टेस्ट करवाने के लिए पहुंच रहे हैं, जबकि उनका डोप टेस्ट डाक्टरों की हड़ताल के कारण नहीं हो पा रहा।

मंगलवार को अस्पताल में डोप टेस्ट करवाने के लिए पहुंचे धूरी के असलम खान, संगरूर के कमीकर सिंह, हरजीत सिंह हरियाऊ ने कहा कि उनके असलहा लाइसेंस रिन्यू होने हैं, जिसके लिए उन्होंने डोप टेस्ट करवाना था। पूरे दस्तावेज व फीस इत्यादि भरकर रसीद भी प्राप्त कर ली है, लेकिन अस्पताल में डोप टेस्ट नहीं हो पाया। उन्हें अगले दिनों में आने के लिए कहा गया है। कुछ दिन पहले भी आए थे। हड़ताल के कारण कई दिन से भटक रहे हैं।

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लाखों रुपये का खजाने को नुकसान

गौर हो कि अस्पताल में रोजाना दस से पंद्रह व्यक्ति डोप टैस्ट के लिए पहुंचते हैं, लेकिन दो सप्ताह से डोप टैस्ट बंद पड़े हैं। सरकार की ओर से 1500 रुपये प्रति डोप टेस्ट फीस निर्धारित की गई है। अगर दो सप्ताह में डोप टेस्ट न होने से नुकसान का अनुमान करीब तीन लाख रुपये का हो चुका है। ऐसे में साफ है कि अगर अगले दिनों में भी डाक्टरों की हड़ताल जारी रहती है तो खजाने पर पड़ रहा नुकसान का आंकड़ा और अधिक होगा।

--------------------- अल्ट्रासाउंड भी बंद, निजी केंद्र पर निर्भर मरीज

डाक्टरों द्वारा संगठन की पर्ची पर लिखे टेस्ट बेशक अस्पताल के भीतर किए जा रहे हैं, लेकिन अल्ट्रासाउंड बंद हैं। गर्भवती महिलाओं सहित अन्य मरीजों के अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं, जिस कारण मजबूरन मरीजों को बाहर निजी केंद्रों से महंगे रेट पर अल्ट्रासाउंड करवाने पड़ रहे हैं। लहरागागा के गांव संगतपुरा से आए मरीज राजू ने कहा कि पेट में दर्द व पेशाब रुकने की समस्या से परेशान हैं। अस्पताल में आए तो डाक्टर ने अल्ट्रासाउंड करवाने की सलाह दी, लेकिन अस्पताल में अल्ट्रासाउंड हड़ताल कारण नहीं हो पाया। वहीं गर्भवती महिलाओं के भी अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं। केवल इमरजेंसी केसों के ही अल्ट्रासाउंड किए जा रहे हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं व अन्य मरीजों को अब अस्पताल से बाहर निजी केंद्रों से ही अल्ट्रासउंड करवाने पड़ रहे हैं। आम दिनों में करीब 40 से अधिक अल्ट्रासाउंड होते हैं, जो अब बंद हैं। डा. रविदरपाल कौर ने कहा कि हड़ताल कारण अल्ट्रासाउंड सेवा केवल इमरजेंसी मरीजों के लिए चालू रखी गई है।

---------------------- मांगें पूरी होने पर ही खुलेगी हड़ताल

पीएसएमएस एसोसिएशन, पीसीएमएस एसोसिएशन डेंटल, आयुर्वेदिक मेडिकल अफसर एसोसिएशन, वेटरनरी डाक्टर एसोसिएशन व रूरल मेडिकल एसोसिएशन के डाक्टर हड़ताल पर चल रहे हैं। डा. अमनप्रीत कौर, डा. बीरइंद्र सिंह, डा. परमवीर सिंह, डा. राहुल कुमार ने मांग की कि छठे वेतन आयोग में कम किए एनपीए को 33 प्रतिशत किया जाए। गत दिनों सरकार ने जल्द मांग को पूरा करने का भरोसा दिलाया था।

----------------- हड़ताल के कारण डोप टेस्ट बंद हैं। जैसे ही हड़ताल खुलेगी तो ही डोप टेस्ट किए जाएंगे। --डा. पल्लवी, पैथालोजिस्ट, सिविल अस्पताल संगरूर

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