वाटर सप्लाई व सीवरेज लीकेज से आधा दर्जन मकानों में आई दरारें
जिला मालेरकोटला में नगर कौंसिल द्वारा मोहल्ला मोदियां के वार्ड नंबर 18 में जनवरी महीने में इंटरलाकिग टाइलों का फर्श लगाया गया था।
संवाद सूत्र, मालेरकोटला : जिला मालेरकोटला में नगर कौंसिल द्वारा मोहल्ला मोदियां के वार्ड नंबर 18 में जनवरी महीने में इंटरलाकिग टाइलों का फर्श लगाया गया था। साथ में नालियों को अंडरग्राउंड कर सीवरेज से जोड़ने सहित वाटर सप्लाई की अंडरग्रांउड पाइप डाली गई थीं, परंतु बरसात के चलते मोहल्ले के आधा दर्जन घरों में सीलन आकर दरारें पड़ गई हैं। मकान मालिक अजादार हुसैन, गुलामदीन, तोहीद, लसीम फाईमा व मोहम्मद शमशाद ने बताया कि जब से मोहल्ले में नई इंटरलाकिग टाइलें व अंडरग्राउंड पाइप डाली गई हैं, तब से मकानों में सीलन आने आने लगी है। दरार पड़ने से घर की हालत खस्ता हो गई है। इस संबंधी सप्ताह पहले पीड़ितों ने मिलकर नगर कौंसिल के कार्यसाधक अधिकारी सुखदेव सिंह को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे उन्हें डर के साये में दिन-रात काटने पड़ रहे हैं। इस संबंधी कार्यसाधक अधिकारी से बात की तो वह दोराहा में ड्यूटी पर थे। वह मालेरकोटला में दो दिन ही चार्ज संभालते हैं। नगर कौंसिल कार्यालय में उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि मामले संबंधी कार्यसाधक अधिकारी द्वारा एएमई जवाहर सागर द्वारा जेई चरन सिंह बंगा का ठोस हल करने के निर्देश दे दिए हैं। जेई चरण सिंह बगा का कहना है कि उक्त मोहल्ले में पाइप चेक करने का काम चल रहा है, लेकिन बारिश की वजह से उन्हें मुश्किल हो रही है। एक सप्ताह तक मुकम्मल चेकिग करके ठोस हल किया जाएगा। मामले को गंभीरता से लेंगे
नगर कौंसिल की अध्यक्ष नसरीन असरफ अब्दुला ने जेई चरण सिंह बगा को आदेश देते कहा कि उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए पाइपों की चेकिग की जाए, ताकि समय रहते ठोस कदम उठाया जा सके। लोगों के जान माल का नुकसान न हो। कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं पहुंचा
मोहल्ला निवासियों के अनुसार करीब आधा दर्जन मकानों को नुकसान होने के बाद भी जिला मालेरकोटला का कोई बड़ा अधिकारी उनकी सार लेने के लिए नहीं पहुंचा। लगता है कि जिला प्रशासन कोई बड़ा नुकसान होने का इंतजार कर रहा है। लोगों ने मांगा मुआवजा
वार्ड नंबर 18 के मोहल्ला निवासियों ने कहा कि नगर कौंसिल की लापरवाही के कारण उनके मकान गिर रहे हैं। ऐसे में नुकसान की भरपाई करते हुए प्रशासन बनता मुआवजा दे, ताकि क्षतिग्रस्त हुए मकानों की मरम्मत करवाई जा सके।