चक्का जाम : तीन घंटे बाधित रहा जनजीवन, सड़कों पर भटकते रहे लोग

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा शनिवार को किए गए तीन घंटे चक्का जाम के कारण सभी स्टेट हाईवे चौक चौराहे टोल प्लाजा इत्यादि पर आवाजाही पूरी तरह ठप रही।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 06 Feb 2021 03:46 PM (IST) Updated:Sat, 06 Feb 2021 03:46 PM (IST)
चक्का जाम : तीन घंटे बाधित रहा जनजीवन, सड़कों पर भटकते रहे लोग
चक्का जाम : तीन घंटे बाधित रहा जनजीवन, सड़कों पर भटकते रहे लोग

जागरण संवाददाता, संगरूर

केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा शनिवार को किए गए तीन घंटे चक्का जाम के कारण सभी स्टेट हाईवे, चौक चौराहे, टोल प्लाजा इत्यादि पर आवाजाही पूरी तरह ठप रही। संगरूर के दिल्ली-लुधियाना रोड पर महावीर चौक, लड्डा टोल प्लाजा, बठिडा-चंडीगढ़ हाईवे पर कालाझाड़ टोल प्लाजा, सुनाम के आइटीआइ चौक, मूनक टोहाना बैरियर चौक सहित दर्जन भर जगहों पर धरने लगाकर चक्का जाम किया गया। संगरूर शहर के भगत सिंह चौक से धूरी रोड तक आठ जगह, बस स्टैंड रोड पर बैरिकेट लगाकर पुलिस ने आवाजाही को पूरी तरह से बंद रखा। लोगों को अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए सुबह 11:30 बजे से बाद दोपहर तक सड़कों पर भटकना पड़ा। महावीर चौक के समीप सिविल अस्पताल, बस स्टैंड के समीप शहर के मुख्य बाजार होने के कारण लोगों को यहां आने-जाने के लिए भी दिक्कत का सामना करना पड़ा। मानों तीन घंटे के लिए शहर की सड़कें पर सन्नाटा-सा पसरा रहा व लोगों को कहीं पर भी आने-जाने के लिए गली-मोहल्लों से होकर गुजरना पड़ा, क्योंकि मुख्य सड़कें धरने व पुलिस के बैरिकेडों की वजह से बंद रही। --------------------

शहर का मुख्य महावीर चौक रहा बंद

दिल्ली-लुधियाना मुख्य मार्ग पर मौजूद महावीर चौक पर 12 से 3 बजे तक धरना जारी रहा। यहां से लुधियाना, मालरेकोटला, धूरी, बठिडा, बरनाला, मानसा, सुनाम की तरफ जाने वाली बसों की आवाजाही ठप रही। बस स्टैंड से महज दो किलोमीटर की दूरी पर मौजूद इस चौक पर पर से ही लोग बसों में आगे रवाना होते हैं, लेकिन धरने के कारण बसें तो दूर लोग भी चौक तक नहीं आ पाए। बस स्टैंड में ही बसें बंद रहीं, जबकि पटियाला, चंडीगढ़ की तरफ जाने वाली बसें रास्तों में लगे चक्के जाम के कारण बंद करनी पड़ी या देरी से अपने स्टेशनों पर पहुंची। ---------------------- अस्पताल तक भी नहीं पहुंच पाए मरीज

सिविल अस्पताल के चौक में जहां धरना लगा रहने कारण आवाजाही ठप रही, वहीं सिविल अस्पताल के रास्तों पर भी बैरिकेड लगे रहे। एंबुलेंसों तो बेशक बिना रोक-टोक अस्पताल तक पहुंच गई, लेकिन अन्य मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। धरनों के कारण अस्पताल में ओपीडी भी आम दिनों के मुकाबले काफी कम रही। शहर निवासी प्रीतपाल सिंह, दीनदयाल सिंह, नरिदर सिंह, चरणजीत सिंह ने कहा कि अस्पताल नजदीक होने के कारण चौक का एक राह खुला रखना चाहिए, ताकि मरीज कम से कम समय मे अस्पताल पहुंच सकें। आज धरने कारण लोगों को कोला पार्क के बीच होते हुए अस्पताल पहुंचना पड़ा।

------------------------ कई किलोमीटर दूर उतरे यात्री, पैदल चलकर पहुंचे शहर के भीतर

धरने से पहले चली बसें भी शहर के बाहर ही यात्रियों को उतारकर वापस लौट गई या वहीं पर आकर ठहर गई। शहर के मैहलां रोड जनता पेट्रोल पंप, धूरी की तरफ से फ्लाईओवर समीप, सुनाम से सुनाम चौक, बरनाला से बग्गुआना बस्ती तक ही बसें पहुंच पाई। यहां से करीब चार-पांच किलोमीटर का सफल लोगों ने पैदल ही तय किया। बुजुर्ग, बच्चों सहित परिवार बड़ी मुश्किल से शहर तक पहुंचे। सुनाम चौक पर खड़ी कमलेश कौर, जगसीर कौर ने कहा कि सुनाम जाने के लिए कोई बस नहीं मिली, जबकि आटो रिक्शा चालक सौ रुपये प्रति सवारी मांग रहे हैं। चार घंटे तक बस स्टाप पर खड़ा रहना पड़ा। कंधे पर सामान उठाकर धूरी फ्लाईओवर तक पहुंचा रोहताश कुमार ने कहा कि बस ने चौक से पहले ही उतार दिया। कंधे पर भारी भरकम बैग उठाकर पैदल ही निकलना पड़ा, क्योंकि कोई आटो नहीं मिला। चार किलोमीटर पैदल चला और सामान लेकर फ्वाईओवर भी बेहद मुश्किल से पार किया। -------------------- कई स्कूलों ने कर दी छुट्टी, बच्चों को स्कूल लेने खुद पहुंचे अभिभावक किसानों द्वारा चक्का जाम किए जाने के मद्देनजर कई प्राइवेट स्कूलों ने शनिवार को छुट्टी की घोषणा कर दी, लेकिन कई अभिभावकों को खुद ही अपने बच्चों को स्कूल लेने के लिए पहुंचना पड़ा, क्योंकि धरनों के कारण बंद रास्तों के कारण बच्चों का अपने घरों तक पहुंचना मुश्किल हो गया। अभिभावक नवकिरत सिंह, गुरसेवक सिंह, मनीश सियाल, ऋतु रानी ने कहा कि सरकारी व अन्य स्कूलों में पढ़ते अपने बच्चों को लेने के लिए वह खुद स्कूल पहुंचे, क्योंकि छोटे बच्चों को अन्य रास्तों का पता नहीं है। धरनों के कारण बच्चों के रास्ता भटकने का डर बना हुआ था।

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