किसानों को बचाने के लिए पोस्त की खेती ही विकल्प : युद्धवीर
संगरूर स्थानीय गुरुद्वारा नानकियाणा साहिब में किसानी को बचाने के लिए भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल द्वारा किसान जागरूकता सेमिनार करवाया गया। जिसमें संगरूर बरनाला ब¨ठडा मानसा के किसानों ने बड़ी गिनती में भाग लिया। इस अवसर पर यूनियन के मुख्य वक्ता युद्धवीर द¨वदर शर्मा अफसर जाफर आदि ने कहा कि पंजाब का पानी व धरती जहरीली हो गई है। पंजाब के लोग कीटनाशकों की अधिक से अधिक उपयोग के कारण कैंसर ब्लॅड प्रेशर व अन्य बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। खेती को जोनों में बांटकर विभिन्न फसलें उगाई जानी चाहिए।
जागरण संवाददाता, संगरूर :
स्थानीय गुरुद्वारा नानकियाणा साहिब में किसानी को बचाने के लिए भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल द्वारा किसान जागरूकता सेमिनार करवाया गया।
सेमिनार में संगरूर, बरनाला, ब¨ठडा, मानसा के किसानों ने बड़ी गिनती में भाग लिया। इस अवसर पर यूनियन के मुख्य वक्ता युद्धवीर, द¨वदर शर्मा, अफजर जाफर आदि ने कहा कि पंजाब का पानी व धरती जहरीली हो गई है। पंजाब के लोग कीटनाशकों की अधिक से अधिक उपयोग के कारण कैंसर, ब्लॅड प्रेशर व अन्य बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। खेती को जोनों में बांटकर विभिन्न फसलें उगाई जानी चाहिए। खेती मुनाफे का धंधा न होकर पंजाब के पढ़े-लिखे नौजवान विदेशों में जा रह हैं व आगामी समय में यह रूझान बढ़ने से पूरे पंजाब का पैसा विदेशों में चला जाएगा।
वक्ताओं ने कहा कि जब तक किसान पूरी तरह संगठित नहीं हो जाते, तब तक स्वामीनाथन की सिफारिश को लागू नहीं करवाया जा सकता। सरकारों पर दबाव बनाए बिना किसानों के कर्जे माफ नहीं हो सकेंगे। उन्होंने केंद्र व पंजाब सरकार द्वारा किए बजटा की ¨नदा भी की। पंजाब के प्रधान अजमेर ¨सह लक्खोवाल ने कहा कि पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पास करके किसानों को पोस्त की खेती करने की आज्ञा दी जाए। देश में दवाईयों के लिए उपयोग की जाने वाली 85 प्रतिशत अफीम बाहर से मंगवाई जा रही है इस खेती से पंजाब की किसानी बचाई जा सकती है। उन्होंने बेसहारा पशुओं व कुत्तों का हल करने व पंजाब में स्लाटर हाउस खोलने की मांग भी की। उन्होंने एलान किया कि सात मार्च को हजारों बेसहारा पशु व कुत्ते पंजाब के मुख्यमंत्री को चंडीगढ़ में सौंपे जाएंगे व पोस्त की खेती के हक में भरवाए गए फार्म भी दिए जाएंगे। इस मौके ह¨रदर ¨सह लक्खोवाल, अवतार ¨सह, रामकरण ¨सह, म¨हदर ¨सह, पुरषोतम ¨सह, जगसीर ¨सह, अवतार ¨सह, निर्मल ¨सह, दारा ¨सह, सतवंत ¨सह, जरनैल ¨सह, सरूप ¨सह, जसमेल ¨सह, सिकंदर ¨सह, जरनैल ¨सह, हरभजन ¨सह, गुरध्यान ¨सह, जसवीर ¨सह, गुरनाम ¨सह, निर्मल ¨सह, गुरदेव ¨सह, सुख¨वदर ¨सह, अमरीक ¨सह, दर्शन ¨सह, जसकरण ¨सह, शोर खां आदि उपस्थित थे।