दो घंटे बस स्टैंड रहा बंद, सड़क पर भटकते रहे यात्री

रेगुलर करने की मांग को लेकर पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की अगुआई में कच्चे मुलाजिमों ने बस स्टैंड संगरूर को दो घंटे के लिए मुकम्मल तौर पर बंद रखा। बसें बस स्टैंड के बाहर में रोड पर खड़ी रही व यहां से यात्रियों को खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 04:20 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 04:20 PM (IST)
दो घंटे बस स्टैंड रहा बंद, सड़क पर भटकते रहे यात्री
दो घंटे बस स्टैंड रहा बंद, सड़क पर भटकते रहे यात्री

जागरण संवाददाता, संगरूर : रेगुलर करने की मांग को लेकर पंजाब रोडवेज पनबस/पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन की अगुआई में कच्चे मुलाजिमों ने बस स्टैंड संगरूर को दो घंटे के लिए मुकम्मल तौर पर बंद रखा। बसें बस स्टैंड के बाहर में रोड पर खड़ी रही व यहां से यात्रियों को खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ा। बस स्टैंड के बाहर दो घंटे तक भारी ट्रैफिक जाम लगा रहा। इस कारण लोग बसों के लिए भी भटकते दिखाई दिए। कांट्रैक्ट वर्करों ने बस स्टैंड के भीतर धरना लगाकर ट्रांसपोर्टर मंत्री समेत पंजाब सरकार की वादाखिलाफी विरुद्ध नारेबाजी की। साथ ही एलान किया कि यदि छह दिसंबर तक उनकी मांगों को पूरा न किया गया तो सात दिसंबर को अनिश्चितकालीन समय के लिए हड़ताल की जाएगी।

धरने के दौरान यूनियन के जिला प्रधान जतिदर सिंह दीदारगढ़, सचिव सुखजिदर सिंह धालीवाल, चेयरमैन लखविदर सिंह बिट्टू, अवतार सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पिछले लंबे समय से ट्रांसपोर्ट विभाग के कच्चे मुलाजिमों को पक्का नहीं किया जा रहा। पहले कैप्टन अमरिदर सिंह ने पक्का करने का भरोसा दिया था, फिर 6 अक्टूबर को नए ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिदर सिंह राजा बड़िग व 12 अक्टूबर को मुख्यमंत्री पंजाब चरणजीत सिंह चन्नी ने भरोसा दिया कि 20 दिन में मुलाजिमों को पक्का कर देंगे, लेकिन वादा पूरा नहीं किया। नया एक्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि ट्रांसपोर्ट विभाग का एक भी मुलाजिम पक्का नहीं होता। उन्हें एक्ट से बाहर रखकर सरकार ने वादाखिलाफी की है। 22 नवंबर को ट्रांसपोर्ट मंत्री ने फिर भरोसा दिया कि आने वाली पहली कैबिनेट बैठक में ट्रांसपोर्ट विभाग के कच्चे मुलाजिमों को पक्का कर दिया जाएगा, परंतु एक दिसंबर की कैबिनेट बैठक में कोई हल नहीं निकाला गया। सरकार टालमटोल की नीति अपना रही है व ट्रांसपोर्ट विभाग के लिए संजीदा नहीं है।

उन्होंने कहा कि यूनियन ने मांग की थी कि सरकारी बसें की गिनती दस हजार की जाए, परंतु पंजाब सरकार की तरफ से कोई भी बस सरकारी खजाने में से नहीं डाली गई। खजांची रणजीत सिंह गिल, परमिदर सिंह जस्सड़, रूपिदर सिंह बड़ैच, गगनदीप सिंह भुल्लर, हरप्रीत सिंह ग्रेवाल, रणदीप सिंह बावा, दविदर पाल सिंह, अमनदीप सिंह ने कहा कि सरकारी ट्रांसपोर्ट बचाने, 10 ह•ार सरकारी बसें करने, कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने, एडवांस बुकिग, डाटा एंट्री आपरेटर की तनख्वाह में विस्तार करने, नाजायज कंडिशनों के अंतर्गत निकाले मुलाजिमों को बहाल करने की मांग की।

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