घर को बनाएं मंदिर, मां-बाप की करें पूजा : साध्वी सम्बुद्ध

मनुष्य का मूल्यांकन परिवार में रहकर ही किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 04:11 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 04:11 PM (IST)
घर को बनाएं मंदिर, मां-बाप की करें पूजा : साध्वी सम्बुद्ध
घर को बनाएं मंदिर, मां-बाप की करें पूजा : साध्वी सम्बुद्ध

जागरण संवाददाता, संगरूर

मनुष्य का मूल्यांकन परिवार में रहकर ही किया जा सकता है। अगर एक भाई को गुस्सा आता है, तब अगर भाई राम बनकर उसका गुस्सा सहन कर जाए तो समझो वह एक मंदिर के समान है। हमें अपने मां-बाप, बड़े बुजुर्गों की मंदिर में विराजमान भगवान की तरह पूजा करनी चाहिए। परिवार की ताकत ही प्रेम है। यह बातें रविवार को यहां परिवार दिवस पर चर्चा करते हुए साध्वी सम्बुद्ध महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहीं।

उन्होंने कहा कि घर का वातावरण मंदिर की तरह होना चाहिए। महासाध्वी समर्थ महाराज ने फरमाया कि पहले घरों में कमरे कम और सदस्य ज्यादा होते थे, इसके बावजूद भी सभी प्रेम प्यार से मिलजुलकर रहते थे। आज उसके विपरीत घरों में कमरे ज्यादा व सदस्य कम रहते हैं। कारण यही है कि हमने झुकना सीखा ही नहीं है। इसलिए आज घर, घर नहीं रहकर ईंट पत्थरों के मकान बनकर रह गए हैं। जहां पर एक-दूसरे का सम्मान नहीं होता। समर्थ महाराज ने कहा कि सुबह को परिवार का माहौल ईद की तरह, दोपहर को होली व शाम को दीपावली जैसा होना चाहिए। परिवार के यज्ञ के समान है। इस यज्ञ में रह सदस्य को अपने कर्तव्य की आहुति डालनी चाहिए। उन्होंने अंगूर के गुच्छे की उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे अंगूर के गुच्छे की कीमत ज्यादा होती है। उसी तरह इकट्ठे रहने से घर परिवार-समाज व देश की तरक्की अवश्य होती है। हमें भगवान श्री राम की तरह त्याग करना होगा व अपने-अपने फर्ज को निभाना होगा। तभी हम अपने घर को स्वर्ग बना सकते हैं और ऐसे घरों से ही धर्म की शुरूआत होती है। आज की धर्मसभा में धूरी, मालेरकोटला, शाहबाद, मारकंडा व अन्य क्षेत्र से धर्मप्रेमियों ने शिरकत की।

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