बीबी भट्ठल के गांव चंगालीवाला के स्कूल की हालत दयनीय

लहरागागा संगरूर पंजाब सरकार बेशक तकनीकी शिक्षा देने व माडल स्कूलों जैसे स्कूल बनाने का जिक्र व वादे कर रही है, ¨कतु यह दावे सच्चाई से कोसों दूर नजर आ रहे हैं। जिसकी मिसाल पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री रा¨जदर कौर भट्ठल् के ससुराल गांव चंगालीवाला के सरकारी प्राईमरी स्कूल का दौरा करने पर मिली।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 03:58 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 07:27 PM (IST)
बीबी भट्ठल के गांव चंगालीवाला के स्कूल की हालत दयनीय
बीबी भट्ठल के गांव चंगालीवाला के स्कूल की हालत दयनीय

अमनदीप ¨सगला, लहरागागा (संगरूर) :

पंजाब सरकार बेशक तकनीकी शिक्षा देने व प्राइवेट स्कूलों जैसे स्कूल बनाने के दावे कर रही है, ¨कतु यह दावे सच्चाई से कोसों दूर नजर आ रहे हैं। इसकी मिसाल पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री व पंजाब योजना बोर्ड की उपचेयरमैन रा¨जदर कौर भट्ठल के ससुराल गांव चंगालीवाला के सरकारी प्राइमरी स्कूल का दौरा करने पर मिली। करीब पांच दशक पुरानी खस्ताहाल इमारत में जहां प्राइमरी स्कूल के नन्हें बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं, वही सुविधाओं का कोई नामोनिशान नहीं है। स्कूल की ऐसी दयनीय हालत सरकार के दावों की पोल खोल रही है।

उल्लेखनीय है कि सरकारी प्राइमरी स्कूल चंगालीवाला में 70 के करीब बच्चे पढ़ते हैं व तीन अध्यापक इन बच्चों को पढ़ा रहे हैं। स्कूल की इमारत करीब 55 वर्ष पहले बनी थी, जिसकी अवधि भी खत्म हो चुकी है, ¨कतु खस्ताहाल इमारत बच्चों को पढ़ाने के लिए अभी भी उपयोग में लाई जा रही है। स्कूल की दीवारों में जगह-जगह दरारें आ चुकी हैं व छतें भी जरा सी बरसात होने पर झरने की भांति टपकने लग जाती हैं। यह इमारत कभी भी गिर सकती है, जिससे भारी जानी नुकसान होने का खतरा बना हुआ है। यदि स्कूल में लगे खिड़कियों व दरवाजों की बात करें, तो दरवाजे खिड़कियां भी दीमक चट कर चुकी है। कई बाथरूम, खिड़कियों के दरवाजे दीमक के कारण गिर चुके हैं। शौचालय में से हर वक्त बदबू आती है, बच्चों के पीने के पानी के लिए टंकी बिलकुल नकारा है, जिसमें जगह-जगह पर काई जम गई है। यह पानी पीना तो दूर हाथ धोने के योग्य भी नहीं है। कई बार प्रशासन से लगाई गुहार, नहीं ली सार

नौजवान सभा के प्रधान गुरप्रीत ¨सह, हरजीत ¨सह, प्रितपाल ¨सह ने बताया कि यहां लगे वृक्ष भी सुख जाने के कारण स्कूल वीरान हो चुका है। स्कूल की खस्ताहाल बाबत कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है, ¨कतु किसी ने इसकी दशा के सुधार की तरफ ध्यान नहीं दिया। स्कूल की हालत बेहद खस्ता है, जिस कारण बच्चों की जान को भी खतरा है, लेकिन विभाग इसके बावजूद भी कभी गंभीर नहीं हुआ है। यदि अभी भी विभाग ने स्कूल की इमारत की मरम्मत के लिए योग्य कदम न उठाए तो कड़े संघर्ष की रूपरेखा तैयार की जाएगी। पीडब्ल्यूडी को लिखा है पत्र, रिपोर्ट का इंतजार : उप डीईओ

प्राइमरी डिप्टी डीईओ हरजीत कुमार का ने बताया कि स्कूल की इमारत संबंधी पीडब्लयूडी को लिखकर भेजा जा चुका है। अब इनकी रिपोर्ट का इंतजार है। यदि बि¨ल्डग असुरक्षित घोषित की गई तो विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखकर भेजा जाएगा। यदि इसे उपयोग करने का सर्टिफिकेट दे दिया तो इस स्कूल की इमारत को उपयोग किया जाएगा।

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