निर्माण से पहले विवादों में घिरी अरोड़ा धर्मशाला

नगर सुधार ट्रस्ट द्वारा बनाई जा रही अरोड़ा सेवा सदन सभा की धर्मशाला (भवन) को लेकर अब सत्तापक्ष व विपक्ष आमने-सामने हो गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 05:39 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 05:39 PM (IST)
निर्माण से पहले विवादों में घिरी अरोड़ा धर्मशाला
निर्माण से पहले विवादों में घिरी अरोड़ा धर्मशाला

जागरण संवाददाता, संगरूर

नगर सुधार ट्रस्ट द्वारा बनाई जा रही अरोड़ा सेवा सदन सभा की धर्मशाला (भवन) को लेकर अब सत्तापक्ष व विपक्ष आमने-सामने हो गए हैं। निर्माण से पहले ही अरोड़ा धर्मशाला विवादों में घिर गई है। धर्मशाला के निर्माण के लिए चयनित की गई जगह की रजिस्ट्री होने से कुछ दिन पहले ही जहां नगर सुधार ट्रस्ट संगरूर ने भवन के निर्माण का प्रस्ताव रख दिया, वहीं करीब 85 लाख रुपये की ग्रांट भी जारी हो गई। हैरानी की बात यह भी है कि उक्त संस्था को पंजीकृत हुए भी अभी अधिक समय नहीं गुजरा है।

आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता व यूथ नेता नरिदर कौर भराज ने कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला व ट्रस्ट के चेयरमैन को इस धांधली के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की। साथ ही एलान किया कि इस घोटाले के खिलाफ वह कड़ा संघर्ष आरंभ करेंगी।

भराज ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि शहर के साथ उपली रोड पर वसीका नंबर 3162 की करीब 1290 गज जमीन की रजिस्ट्ररी अरोड़ा भाईचारे की संस्था की मांग पर भवन के निर्माण हेतु 16 नवंबर 2021 को करवाई गई है। हैरानी की बात है कि नगर सुधार ट्रस्ट संगरूर तीन नवंबर को इस जगह पर उक्त भवन के निर्माण के लिए 49.20 लाख रुपये की लागत का प्रस्ताव भी पास कर दिया है। जमीन की रजिस्ट्री होने से पहले बकायदा भवन के निर्माण के लिए ग्रांट भी जारी हो गई व निर्माण हेतु ट्रस्ट ने प्रस्ताव भी पास कर दिया। नियमानुसार जमीन की रजिस्ट्री इत्यादि होने के बाद ही वहां पर भवन इत्यादि के निर्माण के लिए प्रस्ताव डाले जाने चाहिए। इतना ही नहीं, रजिस्ट्री होने के दो दिन बाद 18 नवंबर को ट्रस्ट ने फिर से इस भवन में शौचालय व अन्य प्रकार के निर्माण के लिए 36.71 लाख रुपये की राशि के कार्यों के प्रस्ताव को भी पास कर दिया है। करीब 85 लाख रुपये के निर्माण कार्यों के प्रस्ताव ट्रस्ट ने सर्वसम्मति से पास कर दिए हैं।

---------------------- कुछ समय पहले बनी संस्था, होनी चाहिए जांच

भराज ने कहा कि जिस संस्था के भवन निर्माण के लिए कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला ने यह राशि ग्रांट के रूप में मुहैया करवाई है उस संस्था का पंजीकरण कुछ समय पहले हुआ है, जबकि नियमानुसार पंजीकृत संस्था कम से कम तीन वर्ष पुरानी होनी चाहिए। ऐसे में यह एक जांच का विषय है, क्योंकि कैबिनेट मंत्री द्वारा अपने चहेतों को खुश करने व सरकारी फंडों का दुरुपयोग करते हुए ग्रांटें अनाधिकृत संस्था में वितरित किए जाने की संभावना है। नगर सुधार ट्रस्ट के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है, जिसमें नगर सुधार ट्रस्ट सहित कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला बराबर के जिम्मेदार हैं।

----------------------- धांधली के हमेशा लगते रहे आरोप भराज ने कहा कि हलका संगरूर में कैबिनेट मंत्री विजयइंद्र सिगला द्वारा करवाए गए विकास कार्यों में घटिया सामग्री के इस्तेमाल के आरोप हमेशा से लगते रहे हैं। गांवों में बनाए रेन हार्वेस्टिग सिस्टम पहली ही बरसात में बह गए थे। शहर की सड़कों नालियों के निर्माण के दौरान घटिया दर्जे की इंटरलाकिग टाइलें व सामग्री का इस्तेमाल हुआ। नियमों का उल्लंघन करके शहर में चार स्वागती गेटों का निर्माण करवाया जा रहा है, जिसका मामला अभी भी माननीय पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में विचाराधीन है। इन सभी कार्यों की उच्च स्तरीय जांच करवानी चाहिए। ---------------------

विरोधियों नहीं रास आ रहा विकास

नगर सुधार ट्रस्ट संगरूर के चेयरमैन नरेश गाबा ने कहा कि विरोधी राजनीतिक पार्टियों को इलाके का विकास रास नहीं आ रहा है। संस्थाओं की ओर से अरोड़ा भवन का निर्माण किया जा रहा था। संस्थाओं की इन मांग के अनुसार प्रस्ताव मंजूरी के लिए भेजा गया था, जिसकी मंजूरी मिलने के बाद ही हाउस ने भवन के निर्माण के लिए प्रस्ताव पास किए हैं, जिसमें सभी नियमों का गंभीरता से पालन किया गया है। विरोधियों द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।

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