श्रीमदभागवत कथा में ध्रुव के प्रसंग का किया वर्णन
श्री सतनारायण मंदिर में श्रीमदभागवत कथा के चौथे दिन में में ध्रुब की कथा का वण्रन किया।
संवाद सहयोगी, अहमदगढ़ (संगरूर) : श्री सतनारायण मंदिर में श्रीमदभागवत कथा के चौथे दिन में डा. संजय कृष्ण सलिल महाराज ने ध्रुव की कथा सुनाई। मात्र पांच वर्ष की आयु में किस प्रकार ध्रुव ने भगवान को प्राप्त किया। भगवान का दर्शन किया। छोटे से ध्रुव एक दिन अपने पिता की गोद में बैठने के लिए सिंहासन की ओर बढ़े, तभी ध्रुव की सौतेली मां ने ध्रुव को रोक दिया व कहा कि ध्रुव अगर तुम्हें पिता की गोद में बैठना है तो पहले भगवान की अराधना करो। जब भगवान तुम्हे दर्शन दें, तब भगवान से कहना कि मुझे सुरुचि मां के गर्भ से जन्म मिले। इतना सुनकर ध्रुव को बड़ा दुख हुआ। अपनी मां सुनीति के पास आए। जब माता सुनीति को सारी बात का पता चला, तो मां ने कहा ध्रुव जो बात आज तक मैं नहीं बता सकी वो तुम्हारी सौतेली मां ने बताई। जाओ जाकर भगवान की अराधना करो। अगर भगवान सामने प्रकट हो तो उनसे यही मांगना की, हे प्रभु मुझे दोबारा जन्म न लेना पड़े। ध्रुव ने तपस्या की और भगवान ने एक मात्र पांच वर्ष के ध्रुव पर कृपा करके दर्शन दिया। भक्त प्रहलाद की कथा, गजेंद्र मोक्ष की कथा, बामन अवतार की कथा और भगवान कृष्ण जन्म की कथा महाराज जी ने सुनाई। खूब बधाई हुई नंद उत्सव मनाया गया। बड़ी धूमधाम से नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की। भजन मेरा दिल तो दीवाना हो गया, मुरली वाले तेरा, मुरली वाले तेरा प्यारे.. भजन गाकर भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।