अहमदगढ़ अनदेखी का शिकार, विकास का इंतजार
अहमदगढ़ सात दशकों से सरकारों की अनदेखा का शिकार हो रहे अहमदगढ़ पर किसी सरकार की नजर नहीं ।
देसराज शर्मा, अहमदगढ़ (संगरूर)
पिछले सात दशक से सरकारों की अनदेखी का शिकार हो रहा अहमदगढ़ शहर विकास मे पिछड़ता ही जा रही है। यहां के विकास पर कभी भी किसन जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया।
पंजाब की सरकारों ने लोगों की सुविधा के लिए भले ही अलग-अलग दफ्तरों में अधिकारी तैनात कर रखा है, लेकिन अधिकतर डेपूटेशन पर ही रहत हैं। अहमदगढ़ में बेशक अकाली-भाजपा सरकार ने एसडीएम दफ्तर का उद्घाटन कर दिया था, परंतु एसडीएम की पोस्ट पक्की नही हुई। एसडीएम को मालेरकोटला के साथ अहमदगढ़ का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है, इसके चलते लोगों को अपना काम करवाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा। इसी तरह नगर कौंसिल में कार्यसाधक अफसर, एमई, एसओ की पदों को अतिरिक्त चार्ज पर ही रखा गया है। नगर कौंसिल के तीनों ही अफसरों को तीन-तीन स्टेशन दिए गए हैं। अहमदगढ़ शहर का इन्हें अतिरिक्त चार्ज दिया गया। इसके चलते लोगों के काम रुक गए हैं। नगर कौंसिल शहर के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए बनाया गया था, परंतु यह दफ्तर लोगों की मुश्किलों में बढ़ोतरी कर रहा है। अधिकारी सप्ताह भर में एक या दो दिन ही आते हैं, जिस कारण लोग अपना काम करवाने के लिए सप्ताह भर दफ्तर में भटकते हैं।
शहर की समाज सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि तरसेम गर्ग, एडवोकेट अरविद मावी, बूटा शर्मा, पार्षद दीपक शर्मा, पार्षद भोजराज शर्मा, विकास शर्मा, कमलजीत ऊबी, रछपाल सिंह, कुलविदर सिंह, अरुण शैली, निदी नंद चाहल, विजय वर्मा, साहिल जिदल, अमी चंद जोशी, निहाल सिंह ऊबी, चौधरी चानन राम, मनीर मोहम्मद, आनंद मित्तल, पंकज सिगला, नरेश बॉबी, अशीष गर्ग ने सरकार से मांग की कि सभी दफ्तरों में अधिकारियों की पदों को पक्का किया जाए, ताकि लोगों को सप्ताह भर सुविधाएं मिल सकें व लोगों की मुश्किलों का सामना न करना पड़े। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि इन अफसरों की पोस्टों को पक्का न किया गया तो अनिश्चितकालीन समय के लिए हड़ताल शुरू की जाएगी।