आंगनबाड़ी वर्करों का पक्का मोर्चा जारी, 26 को मनाएंगी काला दिवस

आंगनबाड़ी केंद्र से स्कूलों में शिफ्ट किए गए बच्चों को दोबारा आगनबाड़ी सेंटरों में देने की मांग की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 10:00 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 10:00 PM (IST)
आंगनबाड़ी वर्करों का पक्का मोर्चा जारी, 26 को मनाएंगी काला दिवस
आंगनबाड़ी वर्करों का पक्का मोर्चा जारी, 26 को मनाएंगी काला दिवस

जागरण संवाददाता, संगरूर :

आंगनबाड़ी केंद्र से स्कूलों में शिफ्ट किए गए बच्चों को दोबारा आंगनबाड़ी केंद्रों में वापस भेजने की मांग को लेकर आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन का शिक्षा मंत्री विजयइंद्र सिगला की कोठी समक्ष चलाया जा रहा पक्का मोर्चा 38वें दिन भी जारी रहा। धरने में वर्कर व हेल्परों ने एलान किया कि 26 अप्रैल को काले चोले पहनकर व काले दुपट्टे लेकर काला दिवस मनाने की चेतावनी दी।

धरने को संबोधित करते हुए राज्य के उप प्रधान गुरमेल कौर, शिदर कौर बड़ी, रणजीत कौर बरेटा ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों में काम करती आंगनबाड़ी के मुलाजिम पिछले 38 दिनों से धरने पर बैठी हैं, लेकिन शिक्षामंत्री ने प्रदर्शनकारियों से एक बार भी बात की कोशिश नहीं की। तरह-तरह के लोकलुभावने वादे करके सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के कार्यकाल दौरान आंगनबाडी मुलाजिमों की मांगें आज भी अधूरी हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने काफी विद कैप्टन प्रोग्राम में आंगनबाड़ी वर्करों को कम से कम वेतन के दायरे में शामिल करने का वादा किया था, लेकिन चार वर्ष गुजरने के बावजूद उनका एक भी वादा पूरा नहीं हुआ। बल्कि केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाए गए 1500 रुपये में से 40 प्रतिशत हिस्सा न डालकर 600 रुपये वर्कर, 300 रुपये हेल्पर व 500 रुपये मिनी वर्कर के काट लिए गए हैं। इसके अलावा पंजाब सरकार ने पहलकदमी करते हुए 2017 में प्री स्कूल शिक्षा प्राइमरी स्कूलों में देने का फैसला लेकर 56 हजार वर्करों व हेल्परों के रोजगार छीनने की कोशिश की। उन्होंने मांग की कि तीन से छह वर्ष के बच्चों का दाखिला आंगनबाड़ी केंद्र में यकीनी बनाया जाए, आंगनबाड़ी वर्करों व हेल्परों से एक्स्ट्रा काम लेना बंद किया जाए, आंगनबाड़ी इमारतों का किराया बकाया सहित दिया जाए। यदि ऐसा न हुआ तो आने वाले दिनों में संघर्ष तेज होगा। इस मौके कुलदीप कौर,बबीता, जनक दुलारी आदि उपस्थित थे।

chat bot
आपका साथी