भाखड़ा बांध के जलस्तर में गिरावट जारी, 24 घटे में 0.62 फीट की कमी

भाखड़ा बाध के जलस्तर में लगातार कमी होती जा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिमाचल के हिमखंडों तक फैले बाध के कैचमेंट एरिया से पानी की आवक का ग्राफ बुरी तरह से गिर चुका है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 04 Oct 2020 10:21 PM (IST) Updated:Sun, 04 Oct 2020 10:21 PM (IST)
भाखड़ा बांध के जलस्तर में गिरावट जारी, 24 घटे में 0.62 फीट की कमी
भाखड़ा बांध के जलस्तर में गिरावट जारी, 24 घटे में 0.62 फीट की कमी

जासं, नंगल: भाखड़ा बाध के जलस्तर में लगातार कमी होती जा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिमाचल के हिमखंडों तक फैले बाध के कैचमेंट एरिया से पानी की आवक का ग्राफ बुरी तरह से गिर चुका है। हालात यह हैं कि इन दिनों पानी की कम आवक के बावजूद डैम में जमा किए गए पानी में से आगे जरूरतों को पूरा करने के लिए छोड़ा जा रहा है। इस समय बाध का जलस्तर 1652.27 फीट तक आ चुका है। पिछले 24 घटे में 0.62 फीट की कमी दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल इस दिन बाध का जलस्तर 1673.83 फीट था। पिछले साल पानी की आवक 24700 क्यूसिक थी, जबकि रविवार प्रात: छह बजे दर्ज आकड़ों के अनुसार पानी की आवक 15945 क्यूसिक दर्ज की गई है। बाध में जमा किए गए पानी में से 27000 क्यूसिक पानी आगे भागीदार प्रातों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली की जरूरत को पूरा करने के लिए छोड़ा गया है। कुल मिलाकर यदि जल स्तर की मौजूदा स्थिति पर नजर डाली जाए तो पानी की आवक में कमी लगातार बनी हुई है, जिसे आने वाले दिनों में उक्त प्रातों के लिए चिंता का विषय ही कहा जा सकता है। बता दें कि बाध से पैदा होने वाली बिजली की लागत मात्र 35 पैसे प्रति यूनिट है। प्रतिदिन करीब औसतन डेढ़ सौ लाख यूनिट बिजली के उत्पादन को राष्ट्र के राजस्व में एक बड़ा योगदान कहा जा सकता है। प्रतिदिन सस्ती बिजली व बेशुमार पानी की आपूर्ति में सहयोग देने के कारण ही भाखड़ा बाध को आधुनिक भारत के मंदिर की संज्ञा दी गई है।

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