भाखड़ा बाध में बढ़ी पानी की आवक, 1527.45 फीट पहुंचा जलस्तर

पिछले करीब चार महीने से भाखड़ा बाध के कैचमेंट एरिया में मौसम ठंडा हो जाने तथा पिछले साल सितंबर माह में जरूरत के अनुसार बारिश न होने के कारण पानी की आवक में कमी बरकरार थी जो अब बारिशें होने से बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 10:53 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 10:53 PM (IST)
भाखड़ा बाध में बढ़ी पानी की आवक, 1527.45 फीट पहुंचा जलस्तर
भाखड़ा बाध में बढ़ी पानी की आवक, 1527.45 फीट पहुंचा जलस्तर

जागरण संवाददाता, नंगल: पिछले करीब चार महीने से भाखड़ा बाध के कैचमेंट एरिया में मौसम ठंडा हो जाने तथा पिछले साल सितंबर माह में जरूरत के अनुसार बारिश न होने के कारण पानी की आवक में कमी बरकरार थी, जो अब बारिशें होने से बढ़ गई है। शुक्रवार प्रात: दर्ज आकड़ों के अनुसार भाखड़ा बाध में पानी की आवक 9639 क्यूसिक दर्ज की गई है । पिछले साल आवक का यह ग्राफ इस दिन 10986 क्यूसिक था। वहीं बाध से शुक्रवार को विभिन्न प्रातों की माग अनुसार 9128 क्यूसिक पानी बिजली पैदा करने के बाद छोड़ा गया है। पिछले साल आउटफ्लो का यह आकड़ा 15338 क्यूसिक था। उधर ब्यास नदी के रास्ते बने पौंग बाध में पानी की आवक अभी कम बनी हुई है। यहा बीते 24 घटे के दौरान 2146 क्यूसिक पानी की आवक दर्ज हुई है। पिछले साल यह ग्राफ 5032 क्यूसिक था। रणजीत सागर बाध में भी पानी की आवक बढ़ चुकी है। पिछले साल इस बाध में पानी की आवक इन दिनों 4847 क्यूसिक थी। बाध में अनिवार्य जल स्तर बनाए रखने के लिए शुक्रवार को मात्र 887 क्यूसक पानी ही बाध से आगे छोड़ा गया। बता दें कि शुरू हो चुके गर्मियों के मौसम के मद्देनजर भाखड़ा बाध में जमा किए गए पानी की माग अब बहुत ज्यादा बढ़ने वाली है। इन हालातों में यदि आवक कम रहती है तो आने वाले दिनों में भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड के भागीदार प्रातों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान चंडीगढ़ को पीने के पानी के लाले पड़ सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार जहा पिछले साल सितंबर माह में बारिश जरूरत के अनुसार नहीं हुई, वहीं पहाड़ों पर बर्फ भी इस समय कम है। गर्मियों में भाखड़ा बाध में पानी की आवक केवल बर्फ के पिघलने पर ही निर्भर है। ऐसे में चिंता स्वभाविक है।

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