बस की वैगनआर के साथ टक्कर में ऊना के युवक की मौत
नंगल से गुजरते नेशनल हाईवे एक्सटेंशन 503 के टू-लेन मार्ग पर शनिवार सुबह हरियाणा राज्य पथ परिवहन निगम की बस के साथ वैगनआर (एचपी 72-4428) की टक्कर में जिला ऊना के गांव मलाहती के रहने वाले लखविदर सिंह की मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, नंगल : नंगल से गुजरते नेशनल हाईवे एक्सटेंशन 503 के टू-लेन मार्ग पर शनिवार सुबह हरियाणा राज्य पथ परिवहन निगम की बस के साथ वैगनआर (एचपी 72-4428) की टक्कर में जिला ऊना के गांव मलाहती के रहने वाले लखविदर सिंह की मौत हो गई। वहीं उसके साथ चंडीगढ़ जा रहा एक्स सर्विसमैन एवं ऊना सीएसडी कैंटीन में काम करने वाला पूर्व सैनिक संजीव कुमार गंभीर रूप से घायल हुआ है। उसे घायल अवस्था में सिविल अस्पताल नंगल लाया गया। जहां से पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली से धर्मशाला जा रही हरियाणा रोडवेज की सरकारी बस (एचआर 38-एन-7023) जैसे ही गांव जांदला के पास पहुंची, तभी ऊना से चंडीगढ़ जा रहे लखविदर पुत्र बहाल सिंह की मारुति वैगनआर की बस के साथ आमने-सामने की टक्कर हो गई। टक्कर के बाद अनियंत्रित कार को एनएच पर चल रहे टिप्पर ने अपनी चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वैगनआर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे के बाद एनएच पर काफी देर तक यातायात प्रभावित रहा।
20 दिन पहले ही हुई थी लखविदर की शादी
फोटो 23 एनजीएल 5 में है।
शनिवार सुबह 6:20 बजे के करीब हुए सड़क हादसे में दम तोड़ने वाला लखविदर सिंह हिमाचल के जिला ऊना में मारुति शोरूम में काम करता था। दो दिन पहले ही वह पत्नी को करवाचौथ का व्रत रखवाने के लिए भाखड़ा बांध के पास उसके गांव छोड़कर आया था। इस समय नव विवाहित पत्नी भाखड़ा बांध के निकट अपने घर में है। अभी तक उसे बताया नहीं गया है कि उसका पति लखविदर सिंह सड़क हादसे में दम तोड़ चुका है। वहीं इंडियन आर्मी के सैनिकों के लिए बनी सीएसडी कैंटीन ऊना में काम करने वाला पूर्व सैनिक संजीव कुमार (39) पुत्र इकबाल सिंह वैगनआर में सवार था। संजीव भी बुरी तरह से घायल हुआ है। नंगल पुलिस के एएसआइ बलराम ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मृतक लखविदर सिंह के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। अभी तक फोरलेन नहीं बना नेशनल हाईवे
नंगल से गंगूवाल तक के मार्ग पर अत्याधिक ट्रैफिक होने के कारण लगातार हादसे हो रहे हैं। वर्ष 2014 में इस राज्य मार्ग को नेशनल हाईवे एक्सटेंशन 503 घोषित किया गया था। मगर आज तक इस मार्ग को फोरलेन बनाने की जरूरत नहीं समझी गई है। परिणाम स्वरूप हादसों में लोग बेमौत दम तोड़ रहे हैं। हादसों के मद्देनजर ही भारत विकास परिषद के प्रांतीय सचिव इंजीनियर केके सूद ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर भारत सरकार के राजमार्ग मंत्रालय से पत्राचार शुरू कर रखा है। अब तक यह संभावना कहीं नजर नहीं आ रही है कि यह मार्ग फोरलेन बन सकेगा।