खंडहर बनी थर्मल प्लांट की नूहों कालोनी, दरवाजे टूटे, खिड़कियां भी गायब
10 साल तक पंजाब की सत्ता पर काबिज रही बादल सरकार तथा पिछले लगभग साढ़े चार साल से सत्ता का सुख भोग रही कैप्टन सरकार की उदासीनता के चलते गुरु गोबिद सिंह सुपर थर्मल प्लांट जहां राम भरोसे हो चुका है वहीं प्लांट की मैनेजमेंट की अनदेखी के चलते नूहों कालेनी के क्वार्टर भी अब खंडहर बनने लगे हैं।
अरुण कुमार पुरी, भुपिदर कौर, रूपनगर, घनौली: 10 साल तक पंजाब की सत्ता पर काबिज रही बादल सरकार तथा पिछले लगभग साढ़े चार साल से सत्ता का सुख भोग रही कैप्टन सरकार की उदासीनता के चलते गुरु गोबिद सिंह सुपर थर्मल प्लांट जहां राम भरोसे हो चुका है, वहीं प्लांट की मैनेजमेंट की अनदेखी के चलते नूहों कालेनी के क्वार्टर भी अब खंडहर बनने लगे हैं। प्लांट में नई भर्ती न होने के कारण इस कालोनी के ज्यादातर मकान खाली पड़े हैं । जिन मकानों में ठेका योजना के तहत काम करने वाले कुछ कर्मचारी रहते हैं, उन्हें भी पर्याप्त सुविधाएं न होने के कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि सरकारी उदासीनता के चलते थर्मल प्लांट लगभग बंद होने की कगार पर है। हालांकि पिछले दिनों राज्य में बिजली संकट के चलते इस प्लांट को जैसे तैसे चलाया तो जा रहा है, लेकिन बिजली की मांग घटने के साथ प्लांट को अगले कुछ दिनों में दोबारा बंद किया जाना तय माना जा रहा है। यहां खाली हो चुके कुछ पदों के चलते कुछ माह पहले रूपनगर थर्मल वर्करों की पावर कालोनी को जहां खाली करने के आदेश दिए जा चुके हैं, वहीं थर्मल की नूहों कालोनी जिसके ज्यादातर मकान पहले ही लगभग खाली पड़े हैं, धीरे धीरे खंडहर का रूप लेने लगे है। मकानों की संभाल न होने के कारण खिड़कियां व दरवाजे गायब होते जा रहे हैं। दीवारों का सीमेंट झड़ना शुरू हो चुका है। बरसात के दिनों में ऐसे में खस्ताहाल हो चुके मकानों में रहने वाले ठेका कर्मचारियों के लिए हर वक्त खतरा बना हुआ है। इनकी रिपेयर हुए काफी समय बीत चुका है। यहां रहने वाले बड़े परेशान हैं, लेकिन किसी की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। रिपेयर कर लोगों के हैंडओवर किए जाएं कालोनी में रहने वाले परमिदर सिंह सहित सतनाम सिंह, जसवंत सिंह, सागर सिंह, सही कुमार, रवि कुमार, सोनी देवी, आरती देवी, उर्मिला देवी, कुनाल कुमार तथा शिअद अमृतसर के सर्किल इंचार्ज परगट सिंह ने नारेबाजी करते हुए कहा कि अगर थर्मल प्लांट में नई भर्ती नहीं करनी, तो करोड़ों की इस कालोनी को खंडहर क्यों बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ कैप्टन सरकार कई बार कह चुकी है कि जिन लोगों के पास अपनी छत नहीं है, उन्हें सरकार की तरफ से घर बनाकर दिए जाएंगे, पर यहां तो स्थिति ही इसके उलट है। कालोंनी के टाइप एक, दो व तीन के मकानों को पूरी तरह से रिपेयर करवा इसे लोगों को किराये पर उपलब्ध करवाए जाए। जब किराये से इन मकानों की कीमत पूरी हो जाए, तो मकान रहने वालों के नाम कर दिए जाएं। यहां चार हजार के करीब क्वार्टर हैं, जिनमें से ज्यादातर क्वार्टरों से सामान चोरी हो चुका है मैनेजमेंट जल्द ही एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर रही है। वह हर पहलु पर विचार करेगी कि कालोनी किसी कंपनी को दी जा सकती है या नहीं। मैनेजमेंट कालोनी के क्वार्टरों की रिपेयर का ठेका कांट्रैेक्टरों को देना चाहती है पर कोई भी इसका ठेका नहीं लेना चाहता है। यही कारण है कि खाली पड़े मकानों को रिपेयर नहीं करवाया जा रहा। जल्द ही कालोनी में खड़ी घास-बूटी आदि की सफाई करवाई जाएगी।
रवि वधवा,मुख्य अभियंता, थर्मल प्लांट