गुरु गोबिद सिंह के साहिबजादों की बेमिसाल कुर्बानी को समर्पित थीम पार्क लगभग तैयार

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का अपने हलके श्री चमकौर साहिब में चिरलंबित प्रोजेक्ट थीम पार्क को मुकम्मल करने का सपना पूरा हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:16 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 09:16 PM (IST)
गुरु गोबिद सिंह के साहिबजादों की बेमिसाल कुर्बानी को समर्पित थीम पार्क लगभग तैयार
गुरु गोबिद सिंह के साहिबजादों की बेमिसाल कुर्बानी को समर्पित थीम पार्क लगभग तैयार

जागरण टीम, रूपनगर, चमकौर साहिब: मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का अपने हलके श्री चमकौर साहिब में चिरलंबित प्रोजेक्ट थीम पार्क को मुकम्मल करने का सपना लगभग पूरा हो गया है। सिख इतिहास और दशम गुरु गोबिद सिंह के परिवार द्वारा दी गई बेमिसाल कुर्बानियों को जीवंत करते इस प्रोजेक्ट में विभिन्न गैलरियों में सिखी के इतिहास को एनीमेशन फिल्मों के जरिये दिखाया जाएगा। डेढ़ दशक से अधर में रुके इस प्रोजेक्ट को पूर्व में बतौर सैर सपाटा और सांस्कृतिक मामलों के मंत्री रहते हुए चन्नी ने पूरा करने का बीड़ा उठाया था। सोमवार रात प्रोजेक्ट को अंतिम चरण देने के लिए मुख्यमंत्री ने आठ से 12 बजे तक खुद हर फिल्म को बारीकी से देखा और जरूरी बदलाव करने के लिए अधिकारियों को हिदायतें जारी कीं। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने थीम पार्क को जोड़ने वाली सभी सड़कों को चौड़ा करने और मजबूत करने व पार्क के अंदर सुंदर पेड़ और सड़क पर बढि़या लाइटें लगाने के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि थीम पार्क दुनिया के सबसे सुंदर अजूबों में से एक होगा, जो दुनिया भर में बसते लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। थीम पार्क पर 55 करोड़ खर्च हुए हैं। पार्क में 11 गैलरियों में अति आधुनिक तकनीकों द्वारा सिख फलसफे, चमकौर साहिब के साके, सरबंसदानी श्री गुरु गोबिद सिंह जी के आनंदपुर साहिब के किला छोड़ने से लेकर सरसा नदी के बिछोड़े, माछीवाड़े के जंगलों समेत बड़े साहिबजादे और छोटे साहिबजादे की शहादत समेत बंदा सिंह बहादुर का पंजाब की तरफ कूच करना और सिख राज को फिर स्थापित करना को पेश किया गया है। प्रोजक्ट की पटकथा पद्मश्री डा. सुरजीत पात्र ने लिखी गई है। गैलरियों में दिखाए जाने वाले सिख इतिहास को दिखाती एनिमेशन फिल्मों में नामी गायकों कैलाश खैर और सुखविदर के अलावा कई अन्य कलाकारों ने आवाज दी है। प्रोजैक्ट को विश्व प्रसिद्ध विरासत ए खालसा को तैयार करने वाले तकनीकी माहिरों की टीम ने मुकम्मल किया है। ये है गैलरियों में खास

डोम नुमा पहली गैलरी में गुरु साहिबान के जीवन से वाकिफ करवाया जाएगा। दूसरी गैलरी में भाई जैता जी द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शीश को लाने का सारा इतिहास दिखाया जाएगा। 270 डिग्री स्क्रीन और आधारित तीसरी गैलरी में श्री गुरु गोबिद सिंह जी के जीवन और इतिहास से संगत को अवगत करवाया जाएगा। टर्न टेबल पर बैठकर 360 डिग्री स्क्रीन संगत द्वारा देखी जाने वाली चौथी गैलरी में चमकौर साहिब की लड़ाई को दिखाया जाएगा। पांचवीं गैलरी में छोटे साहिबजादे से संबंधित इतिहास और सरसा नदी पर अलग करने के पलों को शिद्दत से दिखाया जाएगा। छठी गैलरी में प्रोजेक्शन मैपिग से छोटे साहिबजादे की आंखों को नम कर देने वाली अद्वितीय शहादत के दृश्य को बयान करने के लिए पूरी तनदेही से काम किया गया है। सातवीं गैलरी में माछीबाड़ा से संबंधित गुरु साहिब का इतिहास वर्णन किया गया है। आठवीं गैलरी में मुक्तसर की जंग और दशम गुरु द्वारा लिखे जफरनामे से संबंधित तथ्यों को संगत के समूह आधुनिक तकनीक से प्रसारित किया जाएगा। नौवीं गैलरी में गुरु साहिब की बंदा सिंह बहादुर से मुलाकात को दिखाया जाएगा। दसवीं गैलरी में बंदा सिंह बहादुर के नांदेड़ से पंजाब आने के तक के सफर को व ग्यारहवीं गैलरी में मुगलों से ली गई टक्कर के बाद सिख राज को स्थापित करने के दौर को दिखाया जाएगा।

खंडा और तांबे के घोड़े होंगे आकर्षण का केंद्र

थीम पार्क में दो स्टेनलेस स्टील की 10- 10 मीटर ऊंची तलवारें और खंडे की स्थापना की गई है। पांच तांबे के घोड़े भी लगाए जा रहे हैं, जिन पर यौद्धा सवार होंगे। खंडे की बात की जाए, तो इस 10 मीटर ऊंचे खंडे पर आधारित एक अव्वल दर्जे का वाटर शो पेश किया जाएगा, जो एक गीत पर आधारित है। तांबे के घोड़ों पर सवार यौद्धाओं का निर्माण बंगाल से आए कारीगरों कर रहे हैं।

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