पनबस कर्मचारियों ने हड़ताल के दौरान रोडवेज डिपो से बाहर नहीं निकलने दी बसें

्रपंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन पंजाब के आह्वान पर सात दिसंबर से शुरू की गई अनिश्चित समय के लिए हड़ताल को आज सरकार द्वारा नाकाम करने की कोशिश की गई। सरकार द्वारा आज रूपनगर डिपो से पनबस बसे चलाने के आदेश दिए गए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 11:35 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 11:35 PM (IST)
पनबस कर्मचारियों ने हड़ताल के दौरान रोडवेज डिपो से बाहर नहीं निकलने दी बसें
पनबस कर्मचारियों ने हड़ताल के दौरान रोडवेज डिपो से बाहर नहीं निकलने दी बसें

जागरण संवाददाता, रूपनगर : पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन पंजाब के आह्वान पर सात दिसंबर से शुरू की गई अनिश्चित समय के लिए हड़ताल को आज सरकार द्वारा नाकाम करने की कोशिश की गई। सरकार द्वारा आज रूपनगर डिपो से पनबस बसे चलाने के आदेश दिए गए। जिसको कांट्रैक्ट वर्करों ने नाकाम कर दिया। स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब मौके पर सीटू और किसान जत्थेबंदियों के नुमाइंदों ने रूपनगर डिपो के मेन गेट पर जमीन पर लेटकर डिपो से बाहर निकल रही एक पनबस को डिपो में ही रोक दिया।

इस मौके प्रधान कुलवंत सिंह, उपप्रधान कुलविदर सिंह, वर्कशाप प्रधान सतविदर सिंह ने कहा कि पनबस और पीआरटीसी की हड़ताल का कार्यक्रम पंजाब सरकार की जानकारी में था। यूनियन की तरफ से इस संबंध में नोटिस जारी किया गया था। 22 नवंबर 2021 को ट्रांसपोर्ट मंत्री पंजाब के साथ हुई बैठक में भी साफ किया गया था कि अगर कोई हल न किया तो वर्कर तुरंत हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब चरणजीत सिंह चन्नी ने भरोसा दिया कि आपको 20 दिन में पक्का किया जाएगा। पर नया एक्ट आने के बाद यह साफ हो गया कि ट्रांसपोर्ट विभाग का एक भी मुलाजिम पक्का नहीं हो सकता और बोर्ड कार्पोरेशनों को एक्ट से बाहर रख कर सरकारी विभागों से कच्चे मुलाजिमों का नाता तोड़ने की नीति पर अमल किया जा रहा है। सरकारी ट्रांसपोर्ट खत्म करने को सरकार तैयार बैठी है। यूनियन की मांग है कि 10 हजार सरकारी बसें बड़े में की जाएं। पर पंजाब सरकार की तरफ से कोई भी बस सरकारी खजाने में से नहीं डाली जाती। पनबस और पीआरटीसी बैंकों से कर्ज लेकर बसें डालती है। बसें कर्जे पर डालने की मंजूरी भी बहुत देरी के साथ दी जाती है। जिस कारण पंजाब रोडवेज की 2407 बसों में से 399 बसें ही रह गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगे नहीं मानती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इस मौके गुरदेव सिंह बागी, जगमनदीप सिंह पड़ी, हरविदर सिंह, हरमिदर सिंह, हरदीप सिंह, पुशपिदर सिंह, कुलविदर सिंह, दर्शन सिंह आदि मौजूद थे।

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