छह माह में यादगार के निर्माण का काम होगा मुकम्मल

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिदर सिंह द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी के चार सौ साला प्रकाश पर्व समागम के मौके किए गए एलान के बाद भाई जैता जी की यादगार के निर्माण के काम को तेजी से मुकम्मल करने में अधिकारियों की अगुआई में निर्माण कंपनी की टीमों दिन रात पूरी शिद्दत से डटी हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 May 2021 07:49 AM (IST) Updated:Sun, 23 May 2021 07:49 AM (IST)
छह माह में यादगार के निर्माण का काम होगा मुकम्मल
छह माह में यादगार के निर्माण का काम होगा मुकम्मल

संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिदर सिंह द्वारा श्री गुरु तेग बहादुर जी के चार सौ साला प्रकाश पर्व समागम के मौके किए गए एलान के बाद भाई जैता जी की यादगार के निर्माण के काम को तेजी से मुकम्मल करने में अधिकारियों की अगुआई में निर्माण कंपनी की टीमों दिन रात पूरी शिद्दत से डटी हुई है।

पंजाब विधान सभा स्पीकर राणा केपी सिंह ने विधान सभा हलके आनंदपुर साहिब में निर्माणी का जा रही इस विलक्षण यादगार के रहते काम को छह माह में मुकम्मल करने के लिए बारीकी से देख रेख की जा रही है। यहीं नहीं सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिद सिंह जी के विश्वसनीय जरनैल भाई जैता जी ने हिद की चादर गुरु तेग बहादुर जी की दिल्ली के चांदनी चौक में मानवता के भले के लिए दी शहादत के बाद बेखौफ होकर उनका शीश लाकर श्री गुरु गोबिद सिंह जी को भेंट किया था। इसके बाद शीश का संस्कार गुरुद्वारा शीशगंज साहिब आनंदपुर साहिब में किया गया था। इसके लिए भाई जैता जी के याद पर उनके द्वारा चमकौर साहिब की जंग में कौम खातिर दी कुर्बानी को नौजवान पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए यह यादगार का निर्माण दस करोड़ रुपये की लागत से विरासत-ए-खालसा के साथ ही किसान हवेली की तरफ करवाया जा रहा है।

इस निर्माण की देखरेख कर रहे सभ्याचारक विभाग के कार्यकारी इंजीनियर भुपिदर सिंह चाना, इंजीनियर राजेश शर्मा ने बताया कि गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार डिजाइन अनुसार संबंधित कंपनी द्वारा निर्माण कार्य के लिए विभिन्न टीमें लगाकर काम करवाया जा रहा है। जहां इमारत के निर्माण में टीमें लगी हुई हैं। वहीं धोलपुर का पत्थर लगाने के लिए राजस्थान से आए कारीगरों पूरी तनदेही से काम किया जा रहा है। यही नहीं यहां 32 टन का स्टेनलेस स्टील के खंडे के रहते काम को मुकम्मल करने के लिए टीमों डटी हुई हैं। जिससे रखे समय में यादगार के निर्माण का काम पूरी किया जा सके।

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