भारत को आतंकवाद से मुक्त करवाने में सभी आएं आगे
भारत ऋषि-मुनियों व पीर-फकीरों का देश है लेकिन आज भारत को किसी नजर लग गई है जिससे देश में विभिन्न किस्म का आतंकवाद चरम सीमा पर है।
संवाद सहयोगी, रूपनगर: भारत ऋषि-मुनियों व पीर-फकीरों का देश है, लेकिन आज भारत को किसी नजर लग गई है, जिससे देश में विभिन्न किस्म का आतंकवाद चरम सीमा पर है। श्री हिंदू तख्त के धर्माधीश व श्री कामख्या देवी गुवाहाटी के पीठाधीश्वर जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर अनंत विभूषित जगद्गुरु पंचानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारत की संस्कृति पर पश्चिमी सभ्यता भारी पड़ रही है, इसलिए भारतीय संस्कृति को शर्मसार होने से बचाना समय की बड़ी मांग बन चुका है। उनके जीवन का एक ही उद्देश्य है कि भारत की प्रदूषित हो रही संस्कृति को बचाने के साथ भारत को आतंकवाद मुक्त बनाना है। जगदगुरु ने कहा कि यह अटल सत्य है जब-जब कंस पैदा हुआ, तब-तब कृष्ण पैदा हुए ।आज आतंकवाद के रूप में कंस, रावण, कौरव, राक्षस पैदा हो चुके है, जो देश की एकता और अखंडता को कमजोर कर रहे हैं । ऐसे राक्षसों को उखाड़ फैंकने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़नी होगी।