अनाज मंडी मोरिडा में पनग्रेन ने खरीदी साठ क्विंटल गेहूं

अनाज मंडी मोरिडा में गेहूं की आमद शुरू हो गई है। यहां पर रविवार तक आठ सौ क्विंटल के करीब गेहूं पहुंच चुकी है जिसमें सरकारी खरीद एजेंसी पनग्रेन ने साठ क्विंटल गेहूं की खरीद की।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 10:04 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 10:04 PM (IST)
अनाज मंडी मोरिडा में पनग्रेन ने खरीदी साठ क्विंटल गेहूं
अनाज मंडी मोरिडा में पनग्रेन ने खरीदी साठ क्विंटल गेहूं

संवाद सूत्र, मोरिडा: अनाज मंडी मोरिडा में गेहूं की आमद शुरू हो गई है। यहां पर रविवार तक आठ सौ क्विंटल के करीब गेहूं पहुंच चुकी है, जिसमें सरकारी खरीद एजेंसी पनग्रेन ने 60 क्विंटल गेहूं की खरीद की। एफसीआइ, वेयरहाउस, मार्कफेड और पनसप ने अभी तक खरीद शुरू नहीं की है। इस संबंधी मंडी में गेहूं की खरीद को लेकर आढ़ती एसोसिएशन मोरिडा ने बैठक की। प्रधान जुझार सिंह मावी ने बताया कि इस बार गेहूं की अदायगी सीधी किसानों के खातों में डाल दी जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि सूखी गेहूं ही मंडी में लेकर आएं। 12 फीसद नमी तक की गेहूं ही खरीदी जाएगी। इस संबंधी में डीएफएससी रूपनगर मावी ने कहा कि अनाज मंडी मोरिडा में गेहूं की खरीद को लेकर सभी प्रबंधक मुकम्मल है। सभी खरीद एजेंसियां अनाज मंडी मोरिडा में पहुंची चुकी हैं। फसल की कीमत की सीधी अदायगी करना सही फैसला: सूद जागरण संवाददाता, नंगल: भारत विकास परिषद् क्षेत्रीय सचिव (संपर्क) उत्तर इंजी. कृष्ण कांत सूद ने फसल की कीमत के पैसे की किसानों के बैंक खातों में सीधी अदायगी के केंद्र सरकार के फैसले को किसानों के हित में बताया। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के हित में सरकार ने आढ़तियों से बातचीत के माध्यम से उनको किसी प्रकार का नुकसान न होने देने पर आश्वस्त कर इसे लागू करने की परवानगी दी है। यह एक महत्वपूर्ण व सकारात्मक कदम है। किसानों के बैंक खातों में रकम की सीधी अदायगी के साथ-साथ सबंधित आढ़तियों को भी उनकी बनती आढ़त (कमीशन) की रकम की अदायगी सीधे तौर पर की जाएगी। इस प्रक्रिया के साथ किसानों के साथ कुछ लालची व स्वार्थी साहूकारों द्वारा की जाने वाली हेराफेरी की संभावनाएं खत्म हो जाएंगी, जिसके फलस्वरूप आने वाले समय में सीधे-साधे व मासूम किसान धीरे-धीरे कज़रें से मुक्त होंगे। अब इस फैसले के लागू होने पर यह उम्मीद जगी है कि अब नए कृषि सुधार कानूनों पर भी किसान संगठनों व सरकार के बीच पुन: बातचीत आरंभ होगी व चल रहे गतिरोध की समाप्ति हेतु कोई सकारात्मक समाधान जल्द ही अवश्य निकलेगा।

chat bot
आपका साथी