रोडवेज कर्मी आज विधायक की कोठी के आगे देंगे धरना
पंजाब रोडवेज पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब के आह्वान पर चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल छठे दिन भी जारी रही।
जागरण संवाददाता, रूपनगर : पंजाब रोडवेज पनबस, पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन पंजाब के आह्वान पर चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल छठे दिन भी जारी रही। रूपनगर डिपो के गेट पर चल रहे धरने को संबोधित करते हुए राज्य नेता शिव कुमार ने बताया कि सीएम के सिसवां फार्म को जाते टी प्वाइंट पर रोष प्रदर्शन किया गया था। इसके उपरांत मोहाली प्रशासन ने मुख्यमंत्री के साथ नेताओं की बातचीत करवाने का वादा किया है। यूनियन को लिखित पत्र द्वारा 14 सितंबर को मुख्यमंत्री से बातचीत का भरोसा दिया गया है। डिपो प्रधान कुलवंत सिंह ने सरकार और मैनेजमेंट पर आरोप लगाया कि डिपो मैनेजरों द्वारा समूह कर्मचारियों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं कि यह हड़ताल गैरकानूनी है। हड़ताल करने वाले मुलाजिम को रिकवरी नोटिस और कांट्रैक्ट खत्म करने के पत्र डाक द्वारा घर भेजे जा रहे हैं। दूसरी तरफ मैनेजमेंट और सरकार हड़ताली वर्करों को वापस ड्यूटी पर लाने के लिए बातचीत और बैठक कर रही है। जबकि इस हड़ताल संबंधी यूनियन द्वारा लिखित नोटिस 40 दिन पहले दिया गया था और हड़ताल संबंधी ट्रांसपोर्ट मंत्री, ट्रांसपोर्ट सचिव, डीएसटी पंजाब, एमडी पीआरटीसी से कई बैठकें भी हुई हैं।
कोषाध्यक्ष सुखविदर सिंह राजेमाजरा, उप प्रधान गुरप्रीत सिंह, सह कोषाध्यक्ष मनदीप सिंह और जगदीप सिंह ने कहा कि मांगें न माने जाने तक हड़ताल जारी रहेगी। 12 सितंबर को सुबह 10 बजे से दो बजे तक हलका विधायक की रिहायश के आगे धरने दिए जाएंगे और मांग पत्र सौंपा जाएगा। 13 सितंबर को सभी शहरों में ढोल मार्च करके सभी चौकों में वक्ता बुलाकर आम जनता को मांगें बताकर हिमायत की अपील की जाएगी। 14 सितंबर को बैठक में जाने वाले साथियों के अलावा सभी डिपुओं में जबरदस्त रोष प्रदर्शन करेंगे। यदि बैठक में भी कोई हल न हुआ तो 15 सितंबर को सुबह 10 बजे से पंजाब के नेशनल हाईवे जाम करके स्टेज सड़कों पर लगाए जाएंगे। समूह डिपो कमेटियां कल से सभी सार्वजनिक और मुलाजिम, मजदूर, किसान यूनियनों को हिमायत की अपील का पत्र जारी करेंगी। इस मौके पर उपप्रधान कुलविदर सिंह, वर्कशाप प्रधान सतविदर सिंह अवतार सिंह, गगन कुमार वर्कशाप सचिव, बहादुर सिंह, सतवीर सिंह, जस्सी हवेली, गुरप्रीत सिंह उपस्थित रहे।