खैर के वृक्षों की बोली का विरोध, रद करने की गांववासियों ने उठाई मांग

गांव जतौली टेडेवाल के जंगल में खड़े खैर के वृक्षों की पहले रखी बोली कुछ कारणों के चलते रद्द होने उपरांत 23 सितंबर को ग्राम पंचायत द्वारा रखी बोली के लेकर गांववासियों ने इस बोली का विरोध करते हुए जिला प्रशासन से उक्त बोली रद करने की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 04:24 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 04:24 PM (IST)
खैर के वृक्षों की बोली का विरोध, रद करने की गांववासियों ने उठाई मांग
खैर के वृक्षों की बोली का विरोध, रद करने की गांववासियों ने उठाई मांग

संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी : गांव जतौली टेडेवाल के जंगल में खड़े खैर के वृक्षों की पहले रखी बोली कुछ कारणों के चलते रद्द होने उपरांत 23 सितंबर को ग्राम पंचायत द्वारा रखी बोली के लेकर गांववासियों ने इस बोली का विरोध करते हुए जिला प्रशासन से उक्त बोली रद करने की मांग की है। गांव के गुरुद्वारा साहिब में एकत्र हुए लोगों ने बताया कि उक्त जंगल जतौली और टेडेवाल पत्ती का संयुक्त जंगल है। गांववासियों को बिना विश्वास में लिए ग्राम पंचायत जंगल की बोली नहीं करवा सकती है। लेकिन इसके बावजूद भी ग्राम पंचायत द्वारा जंगल की बोली रख दी गई है। जो कि पूरी तरह से अनुचित है। लोगों ने बताया कि बोली के लिए विभाग द्वारा जो वृक्षों को निशान लगाए गए है। उसमें कुछ जमीन निजी मालिकों की पड़ती है। उन पर भी विभाग ने निशान लगा दिए गए है। जिस संबंधी अदालत में केस होने के बावजूद फिर से ग्राम पंचायत द्वारा वृक्ष की नीलामी की तिथि निश्चित करना है। उन्होने डिप्टी कमिशनर रूपनगर सोनाली गिरी से अपील की है कि उक्त जंगल की बोली तुरंत रद्द की जाए। इस मौके पर पूर्व सरपंच रोशन लाल टेडेवाल, पूर्व सरंपच भजन सिंह जतौली, हुसन लाल, सुरिदर पाल, स्वर्ण दास, कृष्ण चौहान, लेख राम, दिलबाग राए, दर्शन लाल, नरिदर कुमार, रजिदर पाल उपस्थित थे।

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पंचायत के प्रस्ताव डालने पर ही रखी गई है बोली: बीडीपीओ

ब्लाक विकास पंचायत अधिकारी हरिदर कौर ने कहा कि पंचायत द्वारा प्रस्ताव डालने उपरांत ही उक्त जंगल में वृक्षों की निलामी करने की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा की बोली रोकने संबंधी उन्हे गांववासियों ने कोई शिकायत नहीं की गई है, जिसमें उन्होने बोली रद करने की मांग की है।

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