सरकारी सुविधा निजी बसों के लिए बनने लगी असुविधा

पंजाब सरकार ने सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर की सुविधा प्रदान की है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Apr 2021 10:36 AM (IST) Updated:Mon, 05 Apr 2021 10:36 AM (IST)
सरकारी सुविधा निजी बसों के लिए बनने लगी असुविधा
सरकारी सुविधा निजी बसों के लिए बनने लगी असुविधा

अरुण कुमार पुरी, रूपनगर : पंजाब सरकार ने सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त सफर की सुविधा प्रदान की है। वो सुविधा सरकारी बसों के स्टाफ के स्वभाव तथा महिलाओं को पूरी जानकारी न होने के चलते दुविधा बनती जा रही है।

बसों में मुफ्त सफर करने की चाह रखने वाली महिलाओं तथा बस चालकों व परिचालकों में सही तालमेल न बैठना झगड़ों का कारण भी बन रहा है। इसका प्रमाण शनिवार को रूपनगर बस स्टैंड पर रोडवेज के स्टाफ व सफर करने वाली एक छात्रा के परिवार में हुए झगड़े से स्पष्ट मिला है। पंजाब सरकार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करने के चक्कर में महिलाओं को चाहे मुफ्त सफर की सुविधा दी है लेकिन इस सुविधा को देने के लिए कई दुखद पहलुओं को नजरअंदाज भी किया है जोकि सरकार के गले का फांस भी बन सकता है। इस सुविधा को लागू हुए सप्ताह भी नहीं हुआ कि इसके दुखद पहलु सामने आने लगे हैं। हक मिला लेकिन महिलाएं अभी भी अनजान

सरकार ने महिलाओं सहित छात्राओं को सरकारी बसों में मुफ्त सफर का अधिकार तो दे दिया है लेकिन ज्यादातर घरेलू महिलाएं नियमों के प्रति अनजान हैं। नौकरीपेशा महिलाएं रौब से अपने अधिकार को मांगती हैं जबकि घरेलू महिलाओं को पता नहीं कि उन्हें मुफ्त सफर करने के लिए आधार कार्ड साथ रखना व मांग करने पर दिखाना जरूरी है। क्योंकि आधार कार्ड को कंडक्टर द्वारा अपनी मशीन में स्कैन करने के बाद ही मुफ्त सुविधा का लाभ मिल सकता है अन्यथा टिकट के पैसे देने पड़ते हैं। प्राइवेट बसों का पहिया थमने के कगार पर

पंजाब सरकार द्वारा महिलाओं के लिए सरकारी बसों में मुफ्त सफर सुविधा दिए जाने के बाद प्राइवेट बसों का काम ठप होने लगा है। सरकार ने अगर इस दुखद पहलू पर गौर नहीं किया तो आने वाले दिनों में प्राइवेट बसें पूरी तरह से बंद हो सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो बड़ी संख्या में प्राइवेट बसों का स्टाफ बेरोजगार हो जाएगा। प्राइवेट बस आपरेटरों का कहना है कि एक-दो कंपनियों को छोड़ शेष सारी कंपनियों की बसें ठेकेदारी सिस्टम पर चल रही हैं जिसके तहत मालिक रोज का निर्धारित ठेका ठेकेदार से लेता है जबकि बस में डीजल डलवाना तथा चालक-परिचालक की दिहाड़ी सहित रास्ते के अन्य खर्चे निकालना ठेकेदार की जिम्मेदारी है। हालात यह हैं कि सरकारी बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त बस सुविधा के चलते अब लोग घंटा या दो घंटा सरकारी बस के निकलने का इंतजार तो कर लेते हैं लेकिन किराया बचाने के चक्कर में प्राइवेट बसों में सवार नहीं होते जिसका सीधा असर प्राइवेट बसों की आय पर पड़ने लगा है। छात्राओं व बुजुर्ग महिलाओं को मिले सुविधा

समाजसेवी वीपी सैनी ने कहा कि किसी भी योजना को लागू करने से पहले उसके दुखद पहलुओं का समाधान करना जरूरी है जोकि मुफ्त बस सुविधा देते वक्त नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं विभिन्न शहरों में जाकर विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी करते हुए मोटा वेतन व अन्य लाभ सरकार से लेती हैं उन्हें इस सुविधा का लाभ देना सही नहीं। इस सुविधा का लाभ केवल दसवीं तक की छात्राओं के साथ साथ 60 वर्ष से अधिक आयु वाली महिलाओं को दिया जाना चाहिए। प्राइवेट बसों का टैक्स माफ करे सरकार

समाजसेवी प्रेम कुमार शर्मा ने कहा कि सभी महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ्त बस सुविधा देने से उनके घर के पुरुष सदस्य भी सरकारी बसों में सफर करने लगेंगे। इसके चलते प्राइवेट बसों का कारोबार ठप होना स्वभाविक है। इससे प्राइवेट बस मालिकों को शायद कोई फर्क न पड़े लेकिन बेरोजागर होने वाला स्टाफ कहां कमाएगा इस बारे विचार होना चाहिए। प्राइवेट बसों का टैक्स माफ करते हुए उन्हें कुछ अन्य सुविधाएं भी दी जानी चाहिए।

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