गर्भवती की गेट पर डिलीवरी, दो बच्चों में से एक की मौत

अनियमितता किसी की भी रही हो पर सच्चाई यह है कि रूपनगर में एक गर्भवती मां ने अपने जुड़वा बच्चों में से एक बच्चे को जन्म देकर खो दिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 05:31 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 05:31 AM (IST)
गर्भवती की गेट पर डिलीवरी, दो बच्चों में से एक की मौत
गर्भवती की गेट पर डिलीवरी, दो बच्चों में से एक की मौत

जागरण संवाददाता, रूपनगर: अनियमितता किसी की भी रही हो, पर सच्चाई यह है कि रूपनगर में एक गर्भवती मां ने अपने जुड़वा बच्चों में से एक बच्चे को जन्म देकर खो दिया। इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही हुई है या नहीं, ये तो जांच का विषय है, पर जिस सरकारी वेटरिनरी अस्पताल परिसर की सरकारी जमीन पर बनी बस्ती में रह रहे लोग यहां के अस्थायी रास्ते का 40 सालों से इस्तेमाल कर रहे थे, उसे अस्पताल प्रबंधन ने टूटी दीवार को मरम्मत करवाकर बंद करवा दिया है। वहीं संबंधित विभाग का कहना है कि बस्ती के लोगों के पास दूसरा रास्ता भी है, लेकिन वह इस्तेमाल नहीं करते। उधर बस्ती वासी महिला लाडी ने बताया कि रविवार को उसके बेटे सुखदेव की गर्भवती पत्नी सुनीता की अचानक सेहत बिगड़ गई। जब वह उसे अस्पताल ले जाने लगे ,तो अस्पताल का गेट बंद था। गेट के ऊपर से ही निकालकर उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश की, तो इस दौरान सुनीता को प्रसूति दर्द शुरू हो गया और सुनीता ने वहीं पर दो लड़कों को जन्म दिया, पर समय पर स्वास्थ्य सुविधा न मिल पाने की वजह से एक नवजात की मौके पर ही मौत हो गई। मामला रविवार का है, पर साक्षरता के अभाव में बस्ती के लोग इस मामले को प्रशासन के सामने नहीं ला पाए। जैसे ही मंगलवार को ये मामला लोक नुमाइंदे पार्षदों कुलविदर

कौर और अमरजीत सिंह जौली के ध्यान में आया, तो उन्होंने इस मामले

को पहले नगर कौंसिल प्रधान संजय वर्मा बेले वाले और जिला प्रशासन के पास पहुंचाया। वहीं जिस जगह वेटरिनरी अस्पताल है, वहां से प्राइवेट नर्सिंग होम तीस मीटर और सरकारी अस्पताल करीब आधा किलोमीटर है।

पार्षद कुलविदर कौर ने कहा कि वेटरिनरी अस्पताल के रास्ते को लेकर डेढ़ महीना पहले वह डिप्टी कमिश्नर रूपनगर को मिले थे और उन्हें लोगों की समस्या बताई थी। डीसी के ध्यान में लाया गया था कि बस्ती में गर्भवती महिलाएं हैं, इसलिए मसला जल्द सुझलाया जाए। किसान नेता परविदर सिंह ने कहा कि ये बड़ा गंभीर मसला है। रूपनगर शहर में अगर

कोई गर्भवती महिला अस्पताल न पहुंच पाए और उसका बच्चा रास्ते में ही दम तोड़ दे, तो ये व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।

उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए: दर्दी समाजसेवी नवीन दर्दी ने कहा कि एक मां ने बेटा खोया है, इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। बस्ती में बने घरों में बिजली के मीटर लगे हुए हैं। यहां के लोग वोट के अधिकार का इस्तेमाल करते हैं। वेटरिनरी अस्पताल की महिला अधिकारी ने डिप्टी कमिश्नर को गलत जानकारी दी है कि बस्ती में आने जाने के लिए दूसरा रास्ता भी है।

असलियत में दूसरा कोई रास्ता है ही नहीं।

छोटे गेट को भी वेल्डिंग करवाकर किया बंद मौके पर झुग्गियों में रहने वाले प्रीती, शांती देवी, पूजा, गंगा, सपना, सरस्वती, रजनी, जुगनू, तुलसी, जतिदर, रजिदर और ओम प्रकाश ने बताया कि वह पहले भी रास्ते की मांग को लेकर प्रशासन के पास भी गए थे,

लेकिन डीसी ने कहा था कि उनको दूसरी तरफ से रास्ता दिया जाएगा। इसके बाद भी अभी तक उनको कोई रास्ता नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि अस्पताल के बडे़ गेट के साथ एक छोटा गेट भी है, जिसको वेल्डिंग कर

पक्के तौर पर बंद कर दिया गया है। अगर छोटा गेट खुला होता, तो यह हादसा न होता। उन्होंने मांग की कि जब तक उनको दूसरी तरफ से रास्ता नहीं मिल जाता, तब तक अस्पताल का गेट खुलवाया जाए।

यह मामला डिप्टी कमिश्नर सोनाली गिरी के ध्यान में है। उनकी हिदायत है कि वेटरिनरी विभाग के अधिकारी नगर कौंसिल के अधिकारियों व नुमाइंदों को साथ लेकर रास्ते का हल निकाले। भविष्य में फिर कोई ऐसा हादसा न हो, इसलिए इस समस्या का जल्द हल निकाला जाएगा।

डा.रणबीर कुमार, डिप्टी डायरेक्टर, पशु पालन विभाग।

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