कीर्तन से संगत को गुरु चरणों से जोड़ा
श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व मौके पर जहां देश विदेश में संगत गुरुघरों में नतमस्तक हो रही है।
संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब : श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व मौके पर जहां देश विदेश में संगत गुरुघरों में नतमस्तक हो रही है। वहीं यदि आनंदपुर साहिब की बात की जाए तो इस नगरी को साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी द्वारा खुद बसाया गया था। जिस स्थान पर गुरु साहिब खुद रहते थे, उस स्थान पर अब गुरुद्वारा गुरु के महल (गुरुद्वारा भौरा साहिब) स्थित है और इस स्थान पर आज गुरु साहिब के 400वें प्रकाश पर्व के मौके पर श्री अखंड पाठ साहिब के पाठ के भोग डाले गए। इसके उपरांत तख्त श्री केसगढ़ साहिब के हेड ग्रंथी ज्ञानी फूला सिंह द्वारा अरदास की गई। इसके बाद तख्त साहिब की हजूरी रागी सिंह द्वारा कीर्तन से संगत को गुरबाणी से जोड़ा गया।
इस मौके पर एसजीपीसी मेंबर भाई अमरजीत सिंह चावला, प्रिसिपल सुरिदर सिंह, एसजीपीसी सेवक और इलाके की संगत बड़ी संख्या में गुरुघर नतमस्तक हुई। भाई अमरजीत सिंह चावला और प्रिसिपल सुरिदर सिंह ने कहा कि आनंदपुर साहिब वह मुकद्दस स्थान है जिस स्थान पर नौवें पातशाह साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी ने अपने निवास स्थान बनाए थे। इसके अलावा 1675 में कश्मीरी पंडित इस स्थान पर चल कर गुरु साहिब के पास फरियाद लेकर आए थे। इस स्थान से चल कर ही गुरु साहिब दिल्ली के चांदनी चौक में शहीदी देने के लिए गए थे। इस मौके पर तख्त साहिब के मैनेजर मलकीत सिंह, एडीशनल मैनेजर हरदेव सिंह, सूचना अफसर हरप्रीत सिंह, सुरजीत सिंह गाइड, तख्त साहिब के पांच प्यारे साहिबान, जत्थेदार संतोख सिंह, व्यापार मंडल के प्रधान इंद्रजीत सिंह अरोड़ा, प्रितपाल सिंह गंडा, सुरिदर सिंह मटौर, ठेकेदार गुरनाम सिंह, हरजीत सिंह अचित, मनजिदर सिंह बराड़, कुलदीप सिंह बंगा, मनिदरपाल सिंह मनी, जसविदरपाल सिंह बिल्ला, भाई चरनजीत सिंह, जसप्रीत सिंह, महिला अकाली दल की जिला प्रधान कुलविदर कौर, महिला सत्संग सभा के प्रधान गुरचरन कौर, सुरिदरपाल कौर, मनजीत कौर, तरनजीत कौर, परविदर कौर उपस्थित थे।