सरसा नदी में बहने लगा काले रंग का पानी, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड बोला, अगस्त में की थी सेंपलिग, अब दोबारा जल्द सेंपलिग करेंगे
पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से शुरू होकर पंजाब के सतलुज दरिया में समाने वाली सरसा नदी में इन दिनों काले रंग का पानी बहने लगा है।
संवाद सूत्र, घनौली : पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से शुरू होकर पंजाब के सतलुज दरिया में समाने वाली सरसा नदी में इन दिनों काले रंग का पानी बहने लगा है। हिमाचल प्रदेश के बीबीएन (बद्दी -बरोटीवाला -नालागढ़) क्षेत्र में बड़ी तादाद में फैक्टरियां लगीं हुई हैं और कई फैक्टरियों द्वारा कथित तौर पर बिना ट्रीट किए पानी को सरसा नदी में छोड़ा जा रहा है।
लंबे समय से इस जहरीले हो चुके पानी से सतलुज दरिया में हर साल बड़ी तादाद में मछलियां मरतीं रहती हैं। पंजाब और हिमाचल प्रदेश के प्रदूषण विभागों के अधिकारी भी समय समय पर नदी के पानी की सैंपलिग करते रहते हैं। यहां तक कि दोनों राज्यों के प्रदूषण विभागों की टीम द्वारा सांझे तौर पर भी कई बार सैंपलिग की जा चुकी है। इसके बावजूद भी कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। सरसा नदी के पानी को जहां नदी किनारे रहते पशु पालकों द्वारा पशुओं के पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं सतलुज दरिया द्वारा होता हुआ यह पानी नहरों द्वारा लोगों तक पहुंचता है और लोग नहरों के पानी को पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस संबंधी वातावरण प्रेमी और खेल प्रमोटर नरिदर सिंह कंग ने कहा कि गुरु गोबिद सिंह जी का परिवार बिछड़ने की याद के साथ जुड़ी इस एतिहासिक सरसा नदी के दूषित हुए पानी के मुद्दे संबंधी वह संत बलबीर सिंह सीचेवाल के साथ सलाह करके नदी के पानी को प्रदूषण मुक्त करवाने के लिए रणनीति बनाएंगे।
हिमाचल प्रदेश प्रदूषण विभाग ही कर सकता है समस्या का हल
प्रदूषण कंट्रोल विभाग रूपनगर की एक्सईएन अनुराधा शर्मा ने कहा कि उनके विभाग द्वारा अगस्त माह की गई सैंपलिग के बाद हिमाचल प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को पत्र लिखा था। जिसके आधार पर हिमाचल प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा एक फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। यदि अब भी नदी का पानी ठीक नहीं तो वह दोबारा सैंपलिग करवा कर हिमाचल प्रदेश प्रदूषण विभाग को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखेंगे।