पंजाब में भाखड़ा नहर में बहते मिले रेमडेसिविर व सैफोपेराजोन इंजेक्शन, जांच के लिए मोहाली भेजे
भाखड़ा मेन लाइन की दुगरी और सलेमपुर झील में हजारों की तादाद में मेडिकल इंजेक्शन बरामद हुए हैं। कोरोना पाजिटिव मरीज की हालत ज्यादा खराब होने पर उसे यह इंजेक्शन लगाया जाता है। एंटी बायोटिक इंजेक्शन सैफोपेराजोन पर गर्वमेंट सप्लाई नाट फार सेल लिखा है।
जेएनएन, रूपनगर/चमकौर साहिब। भाखड़ा मेन लाइन नहर की दुगरी और सलेमपुर झील में वीरवार को हजारों की संख्या में इंजेक्शन बरामद हुए। इंजेक्शन पर रेमडेसिविर और सैफोपेराजोन लिखा है। रेमडेसिविर वह एंटी वायरल इंजेक्शन है। कोरोना पाजिटिव मरीज की हालत ज्यादा खराब होने पर उसे यह इंजेक्शन लगाया जाता है। एंटी बायोटिक इंजेक्शन सैफोपेराजोन पर गर्वमेंट सप्लाई नाट फार सेल लिखा है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने प्राथमिक जांच में बरामद रेमडेसिविर इंजेक्शन को डुप्लीकेट बताया है। हालांकि इनकी फारेंसिक जांच के लिए इन्हें मोहाली भेजा गया है। पुलिस ने उन स्थानों पर जांच के लिए टीमों को भेज दिया है, जहां इंजेक्शन की मार्किटिंग और मैनुफेक्चरिंग यूनिट हुई दिखाई गई है।
सलेमपुर झील से 293 रेमडेसिविर और 112 सैफोपेराजोन की वायल बरामद हुई। दुगरी झील से अधिक संख्या में वायल बरामद हुई हैं, जिन्हें गिनने के बजाय स्वास्थ्य विभाग प्लास्टिक की बोरियों में भरकर गाडि़यों में ले गया। रूपनगर के सलेमपुर गांव के भाग सिंह इटली नामक व्यक्ति ने ये इंजेक्शन बहते हुए भाखड़ा नहर में देखे। फिर गांव के सरपंच व गण्यमान्य लोगों को इसके बारे में सूचना दी।
उन्होंने बताया कि उन्होंने एक मजदूर से ये इंजेक्शन बाहर निकलवाकर रखे। सूचना के बाद जिला ड्रग इंस्पेक्टर तजिंदर सिंह और डीएसपी एसएस विर्क, चमकौर साहिब के तहसीलदार रमेश बांगड़, नायब तहसीलदार दल¨वदर सिंह, एसएमओ डा. सीपी सिंह व मोरिंडा थाने की एसएचओ बलजिंदर कौर भी पहुंचीं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
माना जा रहा है कि भ्योरा पुल, जोकि नेशनल हाईवे है और चंडीगढ़ से हिमाचल और जालंधर जाने के लिए प्रमुख रास्ता है, से किसी ने नहर में इंजेक्शन की खेप गिराई है। डीएसपी एसएस विर्क ने कहा कि मामले की पड़ताल शुरू कर दी गई है। एफआइआर दर्ज करअगली कार्रवाई की जाएगी। दवा नकली या असली, ये जांच में ही स्पष्ट होगा।
उधर, ड्रग इंसपेक्टर तेजिंदर सिंह ने कहा कि जल्दबाजी में कुछ कहना गलत होगा। पुलिस मामले की जांच करेगी। उसके बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी। ये हैं खास बातें, जिनकी होनी चाहिए जांचभाखड़ा नहर में बरामद रेमडेसिविर इंजेक्शन में बैच नंबर आरइएम121006ए लिखा है। इसके बनने की तारीख 3-2021 और एक्सपायर होने की तिथि 11-2021 लिखी है। 100 एमएल की वायल 5400 रुपये की है, जबकि अब दवा का दाम कंपनी ने 3400 रुपये तय कर दिया है।
वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार हेटरो कंपनी के बनाए इस इंजेक्शन की नहर से मिली वायल पर आरएक्स नहीं लिखा है। इनमें शब्दों का आपसी तालमेल सही नहीं है। तेलंगाना राज्य में बनी इस दवा में तेलंगाना के शब्द में गलती है। कई जगह पर अल्फाबेट कैपिटल नहीं हैं।