नंगल में सतलुज किनारे बैसाखी पर पंजगाठड़ा मेला शुरू

नंगल डैम की सतलुज झील के किनारे लगने वाला पारंपरिक बैसाखी पंजगाठड़ा मेला मंगलवार को नव वर्ष बिक्रमी संवत 2078 के आरंभ से ही शुरू हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 05:21 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 05:21 AM (IST)
नंगल में सतलुज किनारे बैसाखी पर पंजगाठड़ा मेला शुरू
नंगल में सतलुज किनारे बैसाखी पर पंजगाठड़ा मेला शुरू

सुभाष शर्मा, नंगल: नंगल डैम की सतलुज झील के किनारे लगने वाला पारंपरिक बैसाखी पंजगाठड़ा मेला मंगलवार को नव वर्ष बिक्रमी संवत 2078 के आरंभ से ही शुरू हो गया। सतलुज ब्यास व अन्य नदियों के संगम से बनी झील के दोनों किनारों पर लगे मेले में दूर दराज से लोग व दुकानदार पहुंच गए हैं। हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण का डर भी बना हुआ है, लेकिन इसके बावजूद मास्क पहने लोग जागरूक नजर आए । परंपरा के अनुसार मेले में आने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है, क्योंकि इस बार मौसम पिछले साल की तुलना में गर्म नहीं बल्कि सुहावना व ठंडा बना हुआ है। झील में बैसाखी के दिन स्नान करना तथा जलागमन की पुरानी परंपरा के मद्देनजर मंगलवार को दिन भर लोग बोटिंग करने तथा पूजा अर्चना के लिए काफी उत्साहित नजर आए। पंजगाठड़ा मेले का महत्व पाडवों के अज्ञातवास के समय से ही अहम माना जाता है । वहीं बैसाखी मेले में इस बार भी झील में बोटिंग आकर्षण बनी हुई है। मंगलवार सुबह झील के तटवर्ती लोगों ने सतलुज के निर्मल जल में दान पुण्य करके प्रभु से सुख समृद्धि की प्रार्थना की। बता दें कि बैसाखी पर किश्ती के मलाह को दान पुण्य करना अच्छा माना जाता है। इसलिए यहां आने वाले लोग झील के किनारों पर पावन जल की पूजा करके स्नान भी करते हैं। गरीब नवाज ख्वाजा को समर्पित कार्यक्रम शुरू बैसाखी को समर्पित किश्ती घाट पर ख्वाजापीर मंदिर में दो दिवसीय कार्यक्रम शुरू हो गया है। मंदिर के संचालक अशोक कुमार ने बताया कि रात के समय मेंहदी की रस्म अदा की गई। जाने माने कव्वालों के अलावा नृत्यांगनाओं ने भी अपना कार्यक्रम शुरू कर दिया है। आज शाम छह बजे पूजा अर्चना करने के बाद नंगल डैम झील में वरूण देवता का बेड़ा छोड़ा जाएगा। प्राचीन ब्रह्महुति मंदिर के घाट पर स्नान करने वालों का उमड़ा सैलाब पंजाबियों के लोकप्रिय त्योहार बैसाखी पर यहां विभोर साहिब के पंजगाठड़ा, बाबा ऊधो मंदिर के घाट तथा ऐतिहासिक एवं प्राचीन ब्रह्महुति मंदिर के साथ बहते सतलुज दरिया के ब्रह्मकुंड में हजारों लोगों ने स्नान किया। ब्रह्महुति मंदिर में बिराजमान प्राचीन मूर्तियों के समक्ष भक्तों ने कतारों में लगकर माथा टेका। ब्रह्माहुति मंदिर में मंगलवार तड़के पांच बजे से ही स्नान करने के लिए लोग पहुंच चुके थे। भाखड़ा बांध से आ रहे सतलुज दरिया के घाट तथा शिवालिक पर्वत श्रंखलाएं भी हजारों लोगों के सैलाब से सजी देखी गई। सतलुज दरिया के आर-पार जाने के लिए दिन भर चलने वाले बोट भी लोगों से खचाखच भरे रहे। बैसाखी के दिन दान-पुण्य के महत्व के मद्देनजर लोगों ने अनाज व धन का खूब दान किया। ऐतिहासिक गुरुद्वारा विभोर साहिब में भी दूर दराज से ट्रैक्टर -ट्रालियों व बसों से पहुंचे लोगों ने स्नान दान करने के बाद नतमस्तक माथा टेक कर लोक कल्याण की कामना की।

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