चार हजार क्विंटल धान लेकर मंडियों में पहुंचे किसान
धान की ट्रालियां लेकर जिले की मंडियों में पहुंच रहे किसानों ने मंडी बोर्ड के अधिकारियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।
जागरण संवाददाता, रूपनगर : धान की ट्रालियां लेकर जिले की मंडियों में पहुंच रहे किसानों ने मंडी बोर्ड के अधिकारियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। केंद्र सरकार ने पहले एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू करने का एलान किया था लेकिन 30 सितंबर को सरकार के धान की खरीद 10 अक्टूबर से करने के फैसले ने अधिकारियों के लिए सिरदर्दी खड़ी कर दी है। मंडियों में किसान धान लेकर पहुंच रहे हैं और अधिकारिक खरीद अभी खरीद एजेंसियां शुरू नहीं कर पाएंगी। जिले में एक अक्टूबर को चार हजार क्विंटल धान की फसल जिले की मंडियों में पहुंच गई है। एक अक्टूबर से मंडी बोर्ड ने अपने खरीद प्रबंध मुकम्मल कर लिए थे।
जिला मंडी अधिकारी निर्मल सिंह पुहाल ने कहा कि किसान सरकार द्वारा खरीद के लिए किए गए एलान के मुताबिक जिले की कुछ मडियों में धान लेकर आए थे। लेकिन सरकार ने धान की सरकारी खरीद का एलान 11 अक्टूबर से करने से मुश्किल आई है। उन्होंने कहा कि आढ़तियों और मंडी में आए किसानों से संपर्क करके अपील कर रहे हैं कि सरकारी नियमों के अनुसार ही खरीद होगी। इससे पहले न धान की बोली होगी न ही बारदाना मिलेगा।
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फसल खरीदे सरकार: अवतार सिंह
जिला आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान अवतार सिंह ने कहा कि धान की खरीद के प्रति सरकार को पहले ही सोच समझकर फैसला लेना चाहिए था क्योंकि किसान धान लेकर मंडी में आए हैं। उन्होंने कहा कि मंडी बोर्ड के अधिकारियों से बात कर रहे हैं कि इस मसले का हल किया जाए जिससे किसानों को परेशानी न हो।
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किसान बोले, सरकार कर रही अनदेखी
मंडी में आए किसान रघवीर सिंह, जसपाल सिंह, मेजर सिंह, हरिदर सिंह, जसवीर सिंह ने कहा कि फसल जब सरकारों की अनदेखी कारण मंडियों में ऐसे ही पड़ी रहती है तो किसानों पर क्या बीतती है। वह किसान को ही पता होता। उन्होंने कहा कि एक तरफ किसान केंद्र सरकार से लड़ रहा है, वहीं अब उसे फसल दस दिन और संभालनी पड़ रही है।