राम भरोसे तहसील कांप्लेक्स बलाचौर की सुरक्षा व्यवस्था

बलाचौर बलाचौर क्षेत्र तथा जिले में बुधवार सुबह उस समय खलबली मच गई थी जब कुछ शरारती तत्वों ने तहसील कांप्लेक्स बलाचौर में जहां डीएसपी दफ्तर एसडीएम दफ्तर कोर्ट कांपलेक्स के अलावा माननीय जज की रिहायश के सामने खालिस्तान के नारे लिखकर क्षेत्र का माहौल खराब करने की कोशिश की।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Oct 2020 12:33 AM (IST) Updated:Fri, 16 Oct 2020 05:08 AM (IST)
राम भरोसे तहसील कांप्लेक्स बलाचौर की सुरक्षा व्यवस्था
राम भरोसे तहसील कांप्लेक्स बलाचौर की सुरक्षा व्यवस्था

योगेश मल्होत्रा,बलाचौर: बलाचौर क्षेत्र तथा जिले में बुधवार सुबह उस समय खलबली मच गई थी, जब कुछ शरारती तत्वों ने तहसील कांप्लेक्स बलाचौर में जहां डीएसपी दफ्तर, एसडीएम दफ्तर, कोर्ट कांपलेक्स के अलावा माननीय जज की रिहायश के सामने खालिस्तान के नारे लिखकर क्षेत्र का माहौल खराब करने की कोशिश की। यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि तहसील कांप्लेक्स में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं और न ही सुरक्षाकर्मियों की डयूटी ही यहां पर लगी हुई है। उल्लेखनीय है कि बलाचौर तहसील के तहत 200 से ज्यादा गांव पड़ते हैं, जिसके संबंध में इन गांवों के लोगों का यहां पर हर रोज काम के लिए आना जाना लगा रहता है। वीरवार को यहां काम करवाने आए लोगों में इस बात चर्चा रही कि अगर कोई भी व्यक्ति ऐसी महत्वपूर्ण स्थान पर आकर ऐसी घटना को अंजाम दे सकता है, तो अन्य स्थानों पर भी कुछ भी हो सकता है। बलाचौर तहसील आने के लिए दो रास्ते हैं । दोनों ही रास्तों पर किसी भी तरह का कोई गेट नहीं लगा हुआ न ही कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद होता है। कोर्ट रूम के साथ जो दीवार है, वह भी बहुत नीचे है। कोई भी दीवार कूदकर कोर्ट रूम व तहसील कांपलेक्स में आ सकता है।

रात को भी कांप्लेक्स के आसपास लोग शराब पीकर हुल्लड़बाजी करते हैं। जब इस संबंध में एसडीएम दफ्तर के कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी को कई बार गेट लगाने तथा दीवार को ऊंचा करने के लिए लिखा जा चुका है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब उनसे फोन कर कर पूछा जाता है, तो वह कह देते हैं कि उनके पास बजट नहीं है । वहीं इस बारे में एसडीएम दीपक रोहिल्ला ने कहा कि डीएसपी को कहकर तहसील कांप्लेक्स की सुरक्षा को मजबूत करवाया जाएगा। गेट लगाने के लिए सरकार से नौ लाख रूपये की ग्रांट मांगी है। बार-बार रिमाइंडर सरकार को भेजने के बावजूद कोई भी जवाब नहीं मिल रहा, जिसकी वजह से काम नहीं हो पा रहा। एक्सईएन से दोबारा बात करेंगे, ताकि जल्द से जल्द काम करवाया जा सके।

रमेश कुमार, पीडब्ल्यूडी

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