ढाई साल से नहीं मिला वेतन, कर्मचारियों ने दी संघर्ष की चेतावनी

नंगल नगर कौंसिल में पंप आपरेटर व माली का काम करने वाले कर्मियों ने उन्हें जल्द वेतन देने की मांग की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 10:23 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 10:23 PM (IST)
ढाई साल से नहीं मिला वेतन, कर्मचारियों ने दी संघर्ष की चेतावनी
ढाई साल से नहीं मिला वेतन, कर्मचारियों ने दी संघर्ष की चेतावनी

जागरण संवाददाता, नंगल: नंगल नगर कौंसिल में पंप आपरेटर व माली का काम करने वाले कर्मियों ने उन्हें जल्द वेतन देने की मांग की है। अजय कुमार, शशि पाल, प्रिंस शर्मा व जगमोहन आदि ने बताया कि उन्हें पिछले ढाई साल से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में कोविड-19 महामारी के चलते उन्हें जीवन निर्वाह करना मुश्किल हो चुका है। उन्होंने कहा कि कई बार कौंसिल अधिकारियों से आग्रह किया जा चुका है, लेकिन उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है। इस बारे में माननीय हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया गया, बावजूद इसके नगर कौंसिल उन्हें वेतन नहीं दे रही है। सभी ने डीसी रूपनगर तथा पंजाब सरकार से माग की उन्हें जल्द वेतन दिया जाए। यदि 10 दिन के अंदर वेतन की अदायगी नहीं की गई, तो सभी कर्मचारी मजबूरन नगर कौंसिल के विरुद्ध संघर्ष शुरू करेंगे। इससे उत्पन्न परिणामों की जिम्मेदारी नगर प्रशासन की होगी। हड़ताल पर न जाने की शर्त पर कर्मियों को वापस लेना मानवाधिकारों का उल्लंघन संवाद सहयोगी, रूपनगर: पंजाब सरकार एनएचएम हड़ताली कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने के लिए मान तो गई है, लेकिन इसके लिए सरकार ने जो भविष्य में हड़ताल पर न जाने की शर्त रखी है, वह सीधे रूप से मानवाधिकारों का उल्लंघन है। एनआरएचएम इंप्लाइज एसोसिएशन पंजाब अध्यक्ष डा. इंद्रजीत सिंह राणा ने कहा कि सरकार के इस मानवता विरोधी फरमान को लेकर कर्मचारियों के साथ आम लोगों में भी रोष है। उन्होंने कहा कि ये आदेश कर्मचारियों को सरकार के प्रति उनके इरादों को उजागर कर राज्य भर में संघर्ष करने के लिए उकसा रहे हैं। सरकार को समझना चाहिए कि ये वही कर्मचारी हैं, जो कोरोना महामारी के दौरान लोगों के लिए अपने कर्तव्य का एहसास करते हुए हड़ताल से लौटे हैं। अगर उन्हें अपनी जान की परवाह नहीं है, तो उनकी सेवाएं समाप्त करने की सरकार की धमकी उनके प्रति सरकार की निम्न दर्जे की सोच का एक प्रमाण है। पंजाब में कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित लोगों व उनके परिवार के बारे में महसूस करते हुए इन कर्मचारियों ने मात्र अपने विरोध के तरीके को बदला है और यह विरोध अभी भी जारी है। एसोसिएशन ने कर्मचारियों की मांगों को रखते हुए सुधारों के साथ नियमितीकरण नीति (रेगुलर करने की नीति) को लागू करने के लिए सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। वहीं अमरजीत सिंह ने सरकार से अपील की कि वह निर्धारित समय के भीतर सरकार और विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर मुलाजिमों के हित में इन मांगों को हल करें।

chat bot
आपका साथी