कूड़े के ढेरों ने नंगल की सुंदरता पर लगाया दाग
शहर के इतिहास में पहली बार एक माह से ऊपर जा चुकी कौंसिल कर्मचारियों की हड़ताल ने हरे-भरे खूबसूरत शहर नंगल के हालात बदल दिए हैं।
सुभाष शर्मा, नंगल: शहर के इतिहास में पहली बार एक माह से ऊपर जा चुकी कौंसिल कर्मचारियों की हड़ताल ने हरे-भरे खूबसूरत शहर नंगल के हालात बदल दिए हैं। चारों तरफ गंदगी व कचरे का प्रदूषण बरसात के मौसम में बीमारियों को न्योता दे रहा है। अभी तक यहां सफाई अभियान जैसे बड़े-बड़े कार्यक्रमों के आयोजन तो एक तरफ बल्कि गंदगी भी उठाई नहीं जा सकी है। ऐसे में शहरवासी हैरान व परेशान हैं। लोगों का कहना है कि सरकार को स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीरता दिखाकर जल्द हड़ताल को खत्म करना चाहिए, ताकि स्वच्छता बरकरार रह सके। बता दें कि कर्मचारियों की राज्यव्यापी हड़ताल 39वें दिन में प्रवेश कर चुकी है। कर्मचारियों की एकजुटता से सफल रुप से चल रही हड़ताल में हालात ऐसे बने हुए हैं कि कोई भी व्यक्ति हड़ताली कर्मचारियों के आक्रोश का शिकार नहीं होना चाहता। ऐसे में लोग गंदगी के लगे ढेरों को मूकदर्शक बनकर देख रहे हैं। गौरतलब है कि सोमवार को कर्मचारियों का प्रदर्शन उग्र होने की संभावना है, क्योंकि कई कर्मचारियों को अभी तक पिछले माह का वेतन भी नहीं मिला है। गुस्साए कर्मचारी सोमवार के दिन वेतन ना मिलने की सूरत में प्रदर्शन को उग्र बनाकर अधिकारियों के कार्यालयों व घरों के समक्ष गंदगी के ढेर लगाने का ऐलान भी कर चुके हैं। ऊपर से पंजाब सरकार की ओर से लिए गए फैसले से भी कर्मचारी नाखुश हैं। बाक्स में लगाएं:: पूर्व लोकसभा स्पीकर से किया आग्रह--- फोटो 20 एनजीएल 13 में है। उधर ईएनटी विशेषज्ञ डा. केआर आर्य ने कहा है कि बरसात के मौसम में बढ़ती जा रही गंदगी बेहद चिता का विषय है। कोरोना संक्रमण के साथ ही ऐसी कई बीमारियां हैं, जो बरसात के मौसम में तेजी से फैलती हैं। कर्मचारियों की हड़ताल को जल्द खत्म करवाने के प्रति सरकार को गंभीरता दिखानी चाहिए। उन्होंने बताया कि वह समता आंदोलन के पंजाब व हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष होने के नाते देश के पूर्व रक्षा मंत्री स्व. बाबू जगजीवन राम की सुपुत्री एवं पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार से भी फोन पर आग्रह कर चुके हैं कि जल्द कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी तथा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह से बातचीत करके पंजाब में हड़ताल पर डटे कर्मचारियों की मांगों को पूरा करवाएं। मांगें पूरी तरह से जायज हैं। कर्मचारियों का शोषण रोकने के लिए जरूरी है कि ठेकेदारी प्रथा को पूरी तरह से बंद करके सफाई व अन्य तरह के जरूरी रोजमर्रा के कार्यों पर कर्मचारियों की पक्की भर्ती की जाए। मेहनतकश कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा बेहद जरूरी है। मात्र सात-आठ हजार रुपये के वेतन में जीवन निर्वाह करना मौजूदा हालातों में पूरी तरह से असंभव है। पंजाब सरकार को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।