नए बस स्टैंड के विरोध में संघर्ष शुरू
पंजाब सरकार ने आधुनिक सुविधाओं से युक्त नया बस स्टैंड बनाने को पुलिस लाइन के पास जगह फाइनल कर दी है लेकिन इस जगह के विरोध में लोगों का संघर्ष शुरू हो गया है।
संवाद सहयोगी, रूपनगर: पंजाब सरकार ने आधुनिक सुविधाओं से युक्त नया बस स्टैंड बनाने को पुलिस लाइन के पास जगह फाइनल कर दी है, लेकिन इस जगह के विरोध में लोगों का संघर्ष शुरू हो गया है। रूपनगर में नई जगह पर बस स्टेंड बनाए जाने के विरोध में नारेबाजी कर लोगों ने बाकायदा बस अड्डा बचाओ कमेटी का गठन किया। उल्लेखनीय है कि पंजाब के विभिन्न बड़े जिलों सहित जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा चंडीगढ़ को जोड़ते रूपनगर शहर अंदर लगातार ट्रैफिक में होने वाली बढ़ोतरी कारण लगभग दो दशक पहले नेहरू स्टेडियम के समक्ष बस स्टेंड होने के बावजूद नया बस स्टेंड बनाने की मांग ने जोर पकड़ा था। लोगों की बढ़ती मांग को देखते हुए स्थानीय निरंकारी भवन के पास नया बस स्टेंड बनाने का फैसला किया गया। इसके बाद जमीन का मामला अदालत में चले जाने के कारण योजना चाहे खटाई में चली गई , लेकिन नए बस स्टैंड की मांग बढ़ती चली गई। इसके बाद लगभग 10 साल पहले तत्कालीन बादल सरकार ने लोगों की मांग को मंजूर करते हुए पुलिस लाईन के पास नया बस स्टैंड बनाना मंजूर कर लिया, लेकिन निर्माण शुरू नहीं हो सका अब वर्तमान सरकार ने चयनित जगह पर बस स्टैंड बनाने को मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी तक निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ , लेकिन चयनित जगह का विरोध जरूर शुरू हो गया है। इसके विरोध में विभिन्न संगठनों का संचालन कर रहे निर्मल सिंह लोदीमाजरा की बनाई गई बस अड्डा बचाओ कमेटी ने महाराजा रणजीत सिंह बाग में बस स्टैंड वाली जगह के विरोध में नारेबाजी कर जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को मांगपत्र भेजा गया। बस अड्डा बचाओ कमेटी के महासचिव ज्ञान सिंह घनौली, किसान नेता हरदेव सिंह खेड़ी, रणजीत सिंह पतियालां तथा मोहन सिंह बहादुरपुर ने कहा कि वर्तमान जगह से पांच-छह किलोमीटर दूर पुलिस लाइन के पास बस स्टैंड बनाने का फैसला तुगलकी है। पुलिस लाइन के पास अगर बस अड्डा बनाया जाता है, तो जिले के लगभग छह सौ गांवों में रहने वालों सहित वर्तमान बस स्टेंड के आसपास स्थित लघु सचिवालय, अदालतों, स्कूल, कालेजों, सैनिक अस्पताल में रोज आने वालों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इस मौके गुलाब सिंह, रामलोक सिंह, हरिदर सिंह, सुरजीत सिंह, मेवा सिंह, इंद्रजीत सिंह, भाग सिंह, जोगिदरपाल सिंह, गुरवीर सिंह व मान सिंह आदि हाजिर थे।