किसान मोर्चा ने दुकानें खुलवाने के लिए मार्च निकाला, नहीं मिला समर्थन

मजदूर किसान मोर्चा नूरपुरबेदी ने शहर में दुकानदारों को दुकानें खोलने को प्रेरित करने के लिए एक मार्च निकाला।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 07:37 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 07:37 PM (IST)
किसान मोर्चा ने दुकानें खुलवाने के लिए मार्च निकाला, नहीं मिला समर्थन
किसान मोर्चा ने दुकानें खुलवाने के लिए मार्च निकाला, नहीं मिला समर्थन

संवाद सहयोगी, नूरपुरबेदी : मजदूर किसान मोर्चा नूरपुरबेदी ने शहर में दुकानदारों को दुकानें खोलने को प्रेरित करने के लिए एक मार्च निकाला। मगर शहर में मोर्चे की अपील को कोई समर्थन नहीं मिला। किसी भी दुकानदार ने दुकान नहीं खोली। लाकडाउन के दौरान लोगों ने अपने कारोबार और दुकानें पहले की तरह ही बंद रखीं। ये मार्च संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली द्वारा शनिवार को लाकडाउन के दौरान दुकानों को खुलवाने के दिए आह्वान पर निकाला गया था।

इस दौरान मजदूरी किसान मोर्चा के नेता बीर सिंह बड़वा ने कहा कि पंजाब सरकार लाकडाउन लगाकर लोगों को आर्थिक पक्ष से कमजोर कर रही है। जबकि प्रशासन की कोई योजना न होने के कारण सभी कारोबार ठप पड़े हैं। मार्च के नेता रुपिदर सिंह संदोआ ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली द्वारा जो एलान किया जाएगा, को मार्च द्वारा लागू किया जाएगा। नेता जगमनदीप सिंह पड़ी ने कहा कि केंद्र सरकार खेती कानूनों की आड़ में किसानों को जानबूझकर परेशान कर रही है। मजदूर संगठनों के नेता तरसेम सिंह जट्टपुर ने दुकानदारों द्वारा दुकान न खोलने का समर्थन न मिलने पर कहा कि लोगों की मन में प्रशासन और पुलिस का डर आम देखा जा रहा है। इस कारण दुकानदारों ने दुकानें खोलने में रुचि नहीं दिखाई। दुकान खोलने पर अगर किसी कारोबार पर मामला दर्ज व कानूनी कार्रवाई होती है तो मार्च के नेता उनके पक्ष में संघर्ष करेगा। मार्च दौरान भारी संख्या में महिला और किसान नेता उपस्थित थे। वहीं पुलिस द्वारा किसी भी टकराव के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किए गए थे। शराब के ठेकों के समक्ष किया प्रदर्शन

जब दुकानें खोलने की अपील करते समय प्रदर्शनकारियों का मार्च बस स्टैंड में पहुंचा तो उन्होंने शराब का ठेका खुला देखकर मुख्यमार्ग पर जमकर नारेबाजी करते हुए पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसान नेताओं ने कहा कि एक तरफ सरकार ने लाकडाउन के दौरान कुछ जरूरी वस्तुओं की दुकानों को छोड़कर समूह कारोबार बंद रखने के आदेश जारी किए है। जबकि दूसरी तरफ शराब के कारोबारियों को खुश करने के लिए ठेके खोलने की इजाजत दी गई है। सरकार बताए कि शराब जरूरी है या लोगों के लिए रोजी रोटी कमाना जरूरी है।

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