आंगन में काम कर रही थी महिला, अचानक घर में घुसा तेंदुआ, गांव में मची अफरा-तफरी
सरसा नंगल में एक घर में तेंदुआ घुस गया। इससे गांव मेंं अफरा-तफरी मच गई। घरवालोंं ने तेंदुए को घर के अंदर बंद कर दिया। बाद में तेंदुए को रेस्क्यू कर छतबीड़ जू ले जाया गया।
जेएनएन, रूपनगर। यहां के नजदीकी गांव सरसा नंगल में शनिवार दोपहर तब दहशत फैल गई जब पता चला कि जसविंदर सिंह के घर में तेंदुआ घुस गया है। तेंदुआ करीब सवा एक बजे घर में दाखिल हुआ। घर का गेट खुला था और तेंदुआ पहले बरामदे में बैठा और बाद में घर के अंदर कमरे में दाखिल हो गया। देर सायं छतबीड़ जू और वाइल्ड विभाग का पूरा दलबल पहुंचा। तेंदुए को साढ़े पांच घंटे बाद रेस्कयू किया जा सका।
छतबीड़ जू की टीम सूचना के साढ़े तीन घंटे बाद पहुंची। गनीमत ये रही कि तेंदुए ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया और चुपचाप एक कमरे में जाकर बैठ गया और लोगों ने कमरे को बाहर से बंद कर दिया। ट्रंकलाइज के जरिये दी गई बेहोशी की डोज का तेंदुए पर ज्यादा असर नहीं हो पाया और काफी देर बाद वो दहाड़ता हुआ कमरे के दरवाजे पर लगाए गए पिंजरे में आ गया।
सायं 6.41 मिनट पर उसे पिंजरे में बंद कर लिया गया। वाइल्ड लाइफ विभाग रूपनगर की डीएफओ मोनिका यादव ने बताया कि तेंदुए के दायीं टांग पर घाव है। उसे फिलहाल छतबीड़ जू जीरकपुर ले जाया जा रहा है। वहां उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा। उसके तंदुरुस्त होने के बाद ही उसे जंगल में छोड़ा जाएगा।
बुजुर्ग मां बोली वाहेगुरु ने बचा लिया
जसविंदर सिंह का घर गांव में गुरुद्वारा साहिब के बिलकुल साथ है। घर पर जसविंदर सिंह की बुजुर्ग माता जसवंत कौर पशुओं के बाडे़े के पास काम कर रही थी और उसकी तीन बहुएं पौत्र व पौत्री घर में ऊपरी मंजिल पर थे। जसवंत कौर ने बताया कि वो तो वाहेगुरु का शुक्राना कर रही है कि तेंदुए ने उनके परिवार के किसी सदस्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। जसवंत कौर ने बताया कि उसकी पुत्रवधुएं कमलजीत कौर, निर्मला, रजनी और बच्चे लवप्रीत कौर व हरप्रीत कौर घर पर थे। बेटा जसविंदर सिंह गांव में किसी काम से गया था, जिसे उन्होंने फोन करके बुलाया।
साढ़े चार बजे पहुंचे पिंजरे
तेंदुए के घर में घुसने की सूचना गांव निवासी पम्मी ने वाइल्ड लाइफ विभाग के रूपनगर रेंजर सुरजीत सिंह को दी गई। सुरजीत सिंह कुछ समय बाद ही गांव पहुंच गए और उन्होंने छतबीड़ जू की टीम को तेंदुए को रेस्कयू करने के लिए बुलाया, लेकिन टीम का इंतजार शाम हो गई। शाम साढ़े पांच बजे के बाद टीम पहुंची और रेस्कयू आपरेशन आरंभ हुआ। सायं साढ़े चार बजे वाइल्ड विभाग ने पिंजरे मंगवाए और उस कमरे के दरवाजे पर फिट किए जिसमें तेंदुआ था।
ये थे रेस्कयू टीम में शामिल
सायं साढ़े पांच बजे वाइल्ड लाइफ विभाग की डीएफओ मोनिका यादव अपने दलबल के साथ पहुंची। जबकि छतबीड़ जू की टीम की अगुआई डॉ.अशीष चुग कर रहे थे। टीम में साइंटिफिक आफिसर डॉ.आरती, वैटर्नरी इंसपेक्टर राम देव, हैल्पर शौकत अली, विक्की शामिल थे।
लोगों का उमड़ा हुजूम
उधर, तेंदुए को देखने के लिए जसविंदर सिंह के घर और पड़ोसियों के घरों की छतों पर गांववासी इकट्ठे हो गए। जैसे कोई सर्कस लगी हो। युवाओं व बच्चों की तो भीड़ लगी रही। जैसे ही वाइल्ड विभाग के पिंजरे पहुंचे तो हुजूम उमड़ रहा। एसएचओ कीरतपुर साहिब सन्नी खन्ना को अपनी टीम के साथ लोगों को कमरे से दूर हटाना पड़ा। फिर जसविंदर सिंह के घर का गेट अंदर से बंद करवाया।
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