चार्ट मेकिग में जसप्रीत कौर रही पहले स्थान पर

रयात ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन रैलमाजरा में बैसाखी धूमधाम से मनाई गई ।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 10:21 PM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 10:21 PM (IST)
चार्ट मेकिग में जसप्रीत कौर रही पहले स्थान पर
चार्ट मेकिग में जसप्रीत कौर रही पहले स्थान पर

जागरण संवाददाता, रूपनगर: रयात ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन रैलमाजरा में बैसाखी धूमधाम से मनाई गई । रयात कालेज आफ एजूकेशन के आनलाइन करवाए गए प्रोग्राम संबंधी कालेज प्रिसिपल डा. जगदीप कौर ने बताया कि इस दौरान विद्यार्थियों ने विभिन्न गतिविधियों और मुकाबलों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । उन्होंने छात्रों को बताया कि बैसाखी फसल पकने की खुशी और देसी साल के आरंभ होने पर मनाई जाती है। इस मौके पर सुषमा कुमारी की अगुआई में चार्ट व पोस्टर मेकिग, बेस्ट आउट आफ वेस्ट व परंपरागत पहनावे के मुकाबले आयोजित किए गए। पोस्टर मेकिग में नेतरावती पहले, कमलप्रीत कौर, आशिमा दूसरे, बेअंत कौर, अमनिदर डीपी सिंह व इशा तीसरे स्थान व चार्ट मेकिग में जसप्रीत कौर पहले और ममता कुमारी दूसरे स्थान पर रहीं। विद्यार्थियों ने इस मौके पर कविताएं, गीत और लोकगीतों की भी शानदार प्रस्तुति दी। रयात ग्रुप के चेयरमैन एनएस रयात और डा. संदीप सिंह कोड़ा मैनेजिग डायरेक्टर रयात ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन ने समूह स्टाफ और विद्यार्थियों को बैसाखी की शुभकामनाएं देकर इस त्योहार के महत्व के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर डा. लवलीन चौहान, डा राजिदर गिल व प्रोफेसर मधूसूदन ने भी शिरकत की। तख्त श्री केसगढ़ साहिब में संगत ने लाइनों में लगकर टेका माथा संवाद सहयोगी, आनंदपुर साहिब : तख्त श्री केसगढ़ साहिब आनंदपुर साहिब में खालसा पंथ का स्थापना दिवस पूरी श्रद्धा और सत्कार से मनाया गया। इस मौके श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पवित्र वाणी के श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए। भोग की अरदास तख्त साहिब के सिंह साहिब ज्ञान रघुबीर सिंह ने की। समागम में संगत को संबोधित करते हुए ज्ञानी रघुबीर सिंह, पूर्व लोकसभा सदस्य प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, पूर्व शिक्षा मंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा , एसजीपीसी कार्यकारिणी मेंबर अजमेर सिंह खेड़ा, एसजीपीसी मेंबर प्रिसिपल सुरिदर सिंह व भाई अमरजीत सिंह चावला ने कहा कि श्री गुरु गोबिद सिंह जी ने जुल्म का खात्मा करने के लिए खालसा पंथ की स्थापना करके एक निर्मला पंथ चलाया था। इस कारण सिखों के दसवें गुरु गोबिद सिंह जी के पिता जी ने केश की महत्ता को ²ढ़ करवाने के लिए खालसा प्रकट स्थान का नाम केसगढ़ साहिब रखा था। तख्त साहिब में कीर्तन दरबार के दौरान कथा वाचकों ने संगत को गुरबानी और गुरु इतिहास से जोड़ा। इससे पहले तख्त साहिब में संगत ने लंबी कतारों में लगकर माथा टेका।

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