शहीद सूबेदार गुरदयाल सिंह के सम्मान में यादगारी गेट बनाने का कार्य शुरू

भारतीय सेना में सेवाएं प्रदान करते हुए श्रीनगर इलाके में वर्ष 2011 को शहादत देने वाले स्वामीपुर गाव के सूबेदार गुरदयाल सिंह जसवाल की याद में द्वार बनाने का काम शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 05:50 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 05:50 PM (IST)
शहीद सूबेदार गुरदयाल सिंह के सम्मान में यादगारी गेट बनाने का कार्य शुरू
शहीद सूबेदार गुरदयाल सिंह के सम्मान में यादगारी गेट बनाने का कार्य शुरू

जागरण संवाददाता, नंगल : भारतीय सेना में सेवाएं प्रदान करते हुए श्रीनगर इलाके में वर्ष 2011 को शहादत देने वाले स्वामीपुर गाव के सूबेदार गुरदयाल सिंह जसवाल की याद में द्वार बनाने का काम शुरू हो गया है। पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह ने यादगारी द्वार का उद्घाटन करते हुए कहा कि शहीद गुरदयाल सिंह को सम्मान देने के लिए ही 14.90 लाख की लागत से विभोर साहिब स्वामीपुर बाग सड़क मार्ग के रास्ते यादगारी गेट बनाया जा रहा है। इस मौके पर शहीद की बुआ जमुना देवी को उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि वे सदैव उनके परिवार का ध्यान रखेंगे। सरकार शहीदों के सम्मान के लिए भी वचनबद्ध है। कार्यक्त्रम में एसडीएम एवं नंगल नगर कौंसिल की प्रशासिका कन्नू गर्ग, गाव विभोर साहिब की सरपंच हरप्रीत कौर, समाज सेवक गुरसिमरत सिंह पंछी, अश्रि्वनी कुमार आजाद, सतपाल, राज कुमार कोका, सच्जन सिंह तथा ब्लाक काग्रेस के वरिष्ठ उप प्रधान सुरेंद्र सिंह पम्मा, दीपक नंदा, राकेश नैयर, रमन जसवाल आदि सहित इलाके के गणमान्य लोगों ने भी यादगारी गेट के कार्यक्त्रम में शामिल होकर शहीदों के प्रति सम्मान को बरकरार रखने का संकल्प दोहराया। श्रीनगर के कुपवाड़ा क्षेत्र में शहीद हुए थे गुरदयाल सिंह

वर्ष 2011 की 30 अगस्त को श्रीनगर के बरजौली गाव तहसील फरालपुर के कुपवाड़ा क्षेत्र में छिपे आतंकवादियों को ढूंढ़ने के लिए जारी सर्च आपरेशन में सूबेदार गुरदयाल सिंह जसवाल ने शहादत दी थी। घात लगाकर बैठे आतंकियों ने उन्हें अपना निशाना बनाया। गोलाबारी की जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी की गोली उनके सीने में जा लगी। आतंकियों की संख्या अधिक होने के कारण सभी घायल आतंकी को साथ लेकर भागने में सफल हो गए थे। इस मुठभेड़ में आतंकियों का एक पिस्टल 50 रौंद रिकवर हुए थे। इस तरह से भारत माता के सपूत गुरदयाल सिंह ने अपनी वीरता का परिचय देते हुए देश की रक्षा के लिए शहादत दी थी।

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