डाक्टरों पर हमले का आइएमए ने किया विरोध

देश के अंदर डाक्टरों व मेडिकल स्टाफ के साथ बढ़ती हिसा की घटनाओं को के विरोध में आइएमए ने शुक्रवार को प्रोटेस्ट दिवस मनाया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:31 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:33 PM (IST)
डाक्टरों पर हमले का आइएमए ने किया विरोध
डाक्टरों पर हमले का आइएमए ने किया विरोध

संवाद सहयोगी, रूपनगर: देश के अंदर डाक्टरों व मेडिकल स्टाफ के साथ बढ़ती हिसा की घटनाओं को के विरोध में आइएमए ने शुक्रवार को प्रोटेस्ट दिवस मनाया। नेशनल बाडी की काल पर आयोजित इस रोष प्रदर्शन के दौरान हिसा विरोधी केंद्रीय एक्ट बनाए जाने की सभी ने मांग की। जिला रूपनगर आइएमए के मेंबरों ने अपना रोष जताते से पहले रूपनगर के परमार अस्पताल में बैठक की। इस दौरान आइएमए के अध्यक्ष डा. अजय जिदल ने कहा कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ जारी सीधी लड़ाई में पूरा डाक्टरी भाईचारा व सारा मेडिकल स्टाफ पहली कतार में कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है। इसके बावजूद डाक्टरों व मेडिकल स्टाफ के साथ शारीरिक हिसा एवं मारपीट करने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जोकि बहुत दुखदायी है। सेवानिवृत्त सिविल सर्जन डा. एचएन शर्मा ने कहा कि हाल ही में असम में एक युवा डाक्टर पर शर्मनाक ढंग से हमला किया गया, जबकि लगभग हर दिन सीनियर डाक्टरों व महिला डाक्टरों सहित मेडिकल स्टाफ के साथ हिसा की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे डाक्टरों व मेडिकल स्टाफ में मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है। सर्जन डा. आरएस परमार ने डाक्टरों व मेडिकल स्टाफ के साथ होने वाली हिसा की कड़े शब्दों में निदा करते कहा कि केंद्र सरकार ने हेल्थ सर्विसिज पर्सुनल एंड क्लीनिकल स्थापना (हिसा की रोकथाम व जायदाद को नुकसान पहुंचाने वाला) कानून बनाया गया है। इसमें ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों व अन्य मेडिकल स्टाफ पर हमला करने वालों के लिए 10 साल तक कारावास का प्रावधान किया गया है, जिसे सख्ती से लागू किए जाने की जरूरत है। उन्होंने इस कानून को आइपीसी व सीआरपीसी की धाराओं के साथ जोड़े जाने की वकालत भी की। उन्होंने मांग की कि ऐसे हर व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित बनाई जाए, जो आम लोगों की जान बचाने वाले डाक्टरों व मेडिकल स्टाफ के साथ हिसा करते हैं, ताकि समाज विरोधी ऐसे तत्वों को सबक मिल सके। इसके बाद सभी डाक्टरों ने पहले डीसी सोनाली गिरी व बाद में जिला पुलिस प्रमुख डा. अखिल चौधरी को प्रधानमंत्री के नाम का मांगपत्र एवं ज्ञापन भी सौंपा।

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