थ्री डी प्रिटेड पावर फ्री डिवाइस बचाएगा मरीजों की जान
रूपनगर आइआईटी ने एक थ्री डी प्रिटेड पावर फ्री डिवाइस को जीवन वायू के नाम से विकसित किया है जो 20 सेमी एच टू ओ तक के निरंतर सकारात्मक दबाव को बनाए रखते हुए उच्च प्रवाह आक्सीजन (20-60 एलपीएम) प्रदान कर सकता है।
अरुण कुमार पुरी, रूपनगर: रूपनगर आइआइटी ने एक थ्री डी प्रिटेड पावर फ्री डिवाइस को जीवन वायू के नाम से विकसित किया है, जो 20 सेमी एच टू ओ तक के निरंतर सकारात्मक दबाव को बनाए रखते हुए उच्च प्रवाह आक्सीजन (20-60 एलपीएम) प्रदान कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप कम लागत और सुलभ सीपीएपी थेरेपी होती है। डिवाइस को 5-20 सेमी एच टू ओ के पीइइपी (सकारात्मक अंत-श्वसन दबाव) के साथ 40 फीसद से ऊपर एक एफआइओ टू (आक्सीजन का अंश (एफआइओ टू ) जो गैस मिश्रण में आक्सीजन की एकाग्रता है), बनाए रखने के लिए यह खास डि•ाइन इजाद किया गया है। इसे मेटलर्जिकल एंड मटीरियल इंजीनियरिग की सहायक प्रोफेसर डा. खुशबू राखा के नेतृत्व में एडवांस्ड मटीरियल एंड डिजाइन लैब में विकसित किया गया है। डा. खुशबू राखा ने कहा कि कोविड 19 वायरस के अब गांवों और छोटे शहरों में फैलने के साथ, आक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर जैसे चिकित्सा उपकरणों पर स्थिर बिजली सप्लाई एक प्रमुख चिता के रूप में उभर रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) एचएफएनओ (हाइ फ्लो नासिक्य आक्सीजन), एनआइपीपीवी (नान-इनवेसिव पाजिटिव प्रेशर वेंटिलेशन) और सीपीएपी/बाइपीपी (सत्त् /बाइलेवल पाजिटिव एयर वे प्रेशर) आक्सीजन युक्त उपचारों के इस्तेमाल की सिफारिश करता है। यह जांचा गया है कि विशेष रूप से कोविड-19 संक्रमण के प्रारंभिक दौर में मौजूदा सीपीएपी मशीनों का उपयोग फेफड़ों की क्षति को कम करने और रोगियों को मारू प्रभाव से उभारने के लिए सहायता प्रदान करता है। सीपीएपी मशीनें वायुमार्ग के बंद होने से बचाव हेतू एक मरीज के एयरवेज को खुला रखने के लिए हल्के हवा के दबाव का उपयोग करती हैं। उन्होंने कहा कि डाक्टरों को चिता है कि अगर उनके सीपीएपी रात में बिजली सप्लाई बंद हो जाती हैं, तो मरीजों का नींद में दम घुट सकता है। बिजली की विफलता मध्यम से गंभीर श्वसन संक्रमण से प्रभावित रोगियों के लिए और अधिक गंभीर मुद्दा बन गया है और रोगी की मौत सीपीएपी उपकरणों के उपयोग में रोगी सुरक्षा के बारे में गंभीर चिताओं को बढ़ा सकते हैं। इस डिवाइस के बाद इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए बड़ी राहत मिलना संभव हो गया है। डिवाइस में 99.99 फीसदी वायरल प्रभावकारिता के साथ वायु प्रवेश छोर पर एक वायरल फिल्टर होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि प्रवेशित हवा पर्यावरण से किसी भी रोगजनक प्रवेश छोर से दाखिल न हो। उनके अनुसार डिवाइस को 22 एमएम सीपीएपी क्लोज सर्किट के लिए बनाया गया है और इसे जरूरत अनुसार कस्टमाइ•ा भी किया जा सकता है। अकसर देखा गया है कि गर्मियों के दौरान बिजली की मांग बढ़ जाती है और वितरण प्रणाली जोकि पहले से ही नाजुक है या मजबूती से नहीं स्थापित की गई, अतिभारित हो जाती है, जिसके चलते बिजली की आपूर्ति बाधित रहती है । इससे ग्रामीण भारत के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना होती है। अगर सरकारी आंकड़ों को देखें, तो पता चलता है कि ग्रामीण भारत में लगभग 39000 स्वास्थ्य उपकेंद्र बिना बिजली आपूर्ति के काम कर रहे हैं। अप्रैल 2021 के लिए भारत की बिजली की मांग साल दर साल 42 फीसद और अप्रैल 2019 के स्तर के मुकाबले नौ फीसद बढ़ रही है। डा. खुशबू राखा ने कहा कि बिजली के बिना त्वरित प्रवाह दर प्रदान करने के लिए एक सामान्य आक्सीजन सिलेंडर या मुख्य आक्सीजन लाइन के माध्यम से इस संभावित जीवन रक्षक डिवाइस जीवन रक्षक डिवाइस जीवन वायु का उपयोग किया जा सकता है। इस उपकरण का यांत्रिक रूप से परीक्षण किया गया है और टीम ने इस डिवाइस की 3डी प्रिटिग के लिए पंजाब इंजीनियरिग कालेज चंडीगढ़ में रैपिड प्रोटोटाइप लैब सीमेंस सेंटर आफ एक्सीलेंस के फैकल्टी इंचार्ज सुरेश चंद के साथ मिल कर कार्य किया है।