कोरोना संक्रमित अध्यापकों का होम क्वारंटाइन छुट्टी न देना निदनीय-डीटीएफ

कोरोना संक्रमण की चपेट में आए आए शिक्षकों को होम क्वारंटाइन छुट्टी देने के बजाय मेडिकल छुट्टी या कोई अन्य छुट्टी लेने संबंधी जारी शिक्षा विभाग के निर्देशों पर शिक्षक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 02:51 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 02:51 PM (IST)
कोरोना संक्रमित अध्यापकों का होम क्वारंटाइन छुट्टी न  देना निदनीय-डीटीएफ
कोरोना संक्रमित अध्यापकों का होम क्वारंटाइन छुट्टी न देना निदनीय-डीटीएफ

संवाद सहयोगी, रूपनगर: कोरोना संक्रमण की चपेट में आए आए शिक्षकों को होम क्वारंटाइन छुट्टी देने के बजाय मेडिकल छुट्टी या कोई अन्य छुट्टी लेने संबंधी जारी शिक्षा विभाग के निर्देशों पर शिक्षक खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। डेमोक्रेटिक टीचर फ्रंट (डीटीएफ) ने शिक्षा विभाग के इस कदम को शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार करार दिया है। इसके अलावा डीटीएफ ने कोरोना संक्रमित होने के बाद अपनी जान गंवाने वाले शिक्षकों को पचास लाख रुपये बीमा राशी के रूप में जारी करने की मांग भी प्रमुखता के साथ उठाई। डीटीएफ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव सिंह व महासचिव मुकेश कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार के जारी जारी पत्र अनुसार कोई भी कर्मचारी या उसके परिवार का कोई मेंबर अगर कोरोना पाजिटिव आता है, तो ऐसा हर कर्मचारी पूरे वेतन सहित क्वारंटाइन छुट्टी का हकदार है, लेकिन डायरेक्टर शिक्षा विभाग ने बीेते दिनों एक पत्र जारी कर कर्मचारियों को खुद कोरोना पाजिटिव होने की सूरत में क्वारंटाइन छुट्टी की जगह मेडिकल छुट्टी या कोई अन्य छुट्टी लेने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे शिक्षक वर्ग में रोष है। उन्होंने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया कि जब शिक्षकों के हक की बात होती है, तो उसे लागू करने में आनाकानी की जाती है तथा अगर कोई पत्र शिक्षक विरोधी जारी होता है, तो उसे तुरंत लागू किया जाता है। एक तरफ तो शिक्षा विभाग शिक्षकों व अपने कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण के इस दौर में घर घर भेज स्कूलों में दाखिले बढ़ाने की योजना चला रहा है, जबकि दूसरी तरफ शिक्षकों के साथ धक्का कर उनके अधिकारों पर डाका डाला जा रहा है । इस धक्के को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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