सिरोपे की बेअदबी करने के आरोप में सिद्धू के खिलाफ किया प्रदर्शन

प्रदेश कांग्रेस के नव नियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर सिरोपे की बेअदबी किए जाने के आरोपों पर गुरमति विचार मंच ने कड़ा नोटिस लेते स्थानीय बेला चैक में सिद्धू के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 05:32 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 05:32 PM (IST)
सिरोपे की बेअदबी करने के आरोप में सिद्धू के खिलाफ किया प्रदर्शन
सिरोपे की बेअदबी करने के आरोप में सिद्धू के खिलाफ किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, रूपनगर: प्रदेश कांग्रेस के नव नियुक्त अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर सिरोपे की बेअदबी किए जाने के आरोपों पर गुरमति विचार मंच ने कड़ा नोटिस लेते स्थानीय बेला चैक में सिद्धू के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। इस मौके मंच के कनवीनर निर्मल सिंह लोदीमाजरा तथा महासचिव रणजीत सिंह पतियालां ने कहा कि भंगाणी के युद्ध दौरान सिखों के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए मुगलों के खिलाफ जंग लड़ने वाले पीर बुद्धू शाह ने अपने सैकड़ों मुरीद, चार पुत्रों तथा दर्जनों रिश्तेदार शहीद करवा दिए थे। पीर बुद्धू शाह की इस कुर्बानी पर दशमेश पिता गुरु गोबिद सिंह जी ने अपनी दस्तार का आधा हिस्सा फाड़कर पीर बुद्धू शाह के गले में सिरोपे के रूप में डाल दिया था। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंथ में सिरोपे की क्या अहमियत है, लेकिन सिद्धू जैसे लीडर सिरोपे की मर्यादा को शर्मसार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद सिद्धू जब गुरु नगरी अमृतसर साहिब पहुंचे, तो वहां उन्हें सत्कार स्वरूप सिरोपे भेंट किए गए, लेकिन सिद्धू ने सिरोपे की सारी मर्यादाओं को ताक पर रख अहंकार में आकर गले में डाले सिरोपे उतार सार्वजनिक रूप से लोगों के बीच फेंक दिए। इससे संगत की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघुबीर सिंह के माध्यम से श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को मांगपत्र भेजते हुए मांग की कि सिरोपे की मर्यादा को तय किया जाए व श्री अकाल तख्त साहिब से यह हुक्म जारी किया जाए कि सिरोपा केवल मानवता की सेवा करने वालों को तथा सिख कौम की चढ़दी कला व गुरु घरों के लिए कुर्बानी करने वालों को संगतों की हाजरी व गुरु महाराज की हजूरी में दिया जाना सुनिश्चित बनाया जाए। सिरोपे की सार्वजनिक रूप से बेअदबी करने पर नवजोत सिंह को भी पंथक मर्यादा के अनुसार सजा दी जाए। इस मौके उनके साथ जोगिदर सिंह सहित बलविदर सिंह ग्रेवाल, ध्यान सिंह, बदन सिंह, हरिदर सिंह लोदीमाजरा, बलविदर सैनी शामपुरी तथा जसकरण सिंह भी मौजूद थे।

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