सीएम को भेजे गेट वेल सून के कार्ड व काहड़े के पैकेट

गेट वेल सून वाला जुमला अकसर किसी की तंदुरुस्ती की कामना के लिए प्रयोग किया जाता है लेकिन अब यह जुमला सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले दफ्तरी कर्मचारियों ने पंजाब सरकार के लिए प्रयोग करते हुए जहां गेट वैल सून के कार्ड बनाते हुए मुख्यमंत्री को भेजे हैं वहीं काहड़े के पैकेट भी भेजे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 04:53 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 09:56 PM (IST)
सीएम को भेजे गेट वेल सून के कार्ड व काहड़े के पैकेट
सीएम को भेजे गेट वेल सून के कार्ड व काहड़े के पैकेट

संवाद सहयोगी, रूपनगर :

गेट वेल सून वाला जुमला अकसर किसी की तंदुरुस्ती की कामना के लिए प्रयोग किया जाता है लेकिन अब यह जुमला सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले दफ्तरी कर्मचारियों ने पंजाब सरकार के लिए प्रयोग करते हुए जहां गेट वैल सून के कार्ड बनाते हुए मुख्यमंत्री को भेजे हैं वहीं काहड़े के पैकेट भी भेजे हैं।

प्रदीप शर्मा सहित नीतू शर्मा, गगनदीप कौर, जूही वोहरा, रीतकमल, गुरलाल सिंह तथा जतिदर पाल सिंह ने कहा कि कोरोना संकट में फंसने वाले को क्वारंटाइन किया जाता है लेकिन 14 दिनों के बाद ठीक होने पर वो दोबारा काम पर लौट आता है जबकि पंजाब सरकार तो पिछले तीन साल से बीमार होने के कारण क्वारंटाइन चली आ रही है व सरकार के ठीक होकर दोबारा काम पर लौटने के आसार भी दिखाई नहीं देते। इसीलिए आज कर्मचारियों ने पंजाब सरकार को गेट वेल सून के कार्ड बनाते हुए काहड़े के पैकेटों के साथ भेजे है।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा एक अप्रैल 2018 को सर्व शिक्षा अभियान के तहत काम करने वाले शिक्षकों को तो विभाग में रेगुलर कर दिया था लेकिन रेगुलर किए जाने वाले शिक्षकों से पहले काम करते आ रहे दफ्तरी कर्मचारियों के बारे कुछ नहीं सोचा गया जबकि दफ्तरी कर्मचारियों को रेगुलर करने की मंजूरी वित विभाग द्वारा दी जा चुकी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो सारे कर्मचारी अपने जारी संघर्ष को उग्र रूप देने को मजबूर हो जाएंगे।

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