लुधियाना से पैदल चले संतों के साथ आए गजराज बन रहे आकर्षण का केंद्र
शहर में रविवार को लुधियाना से पैदल पहुंचे संतो के जत्थे में शामिल गजराज बच्चों का आकर्षण बना रहा।
जागरण संवाददाता, नंगल: शहर में रविवार को लुधियाना से पैदल पहुंचे संतो के जत्थे में शामिल गजराज बच्चों का आकर्षण बना रहा। शहर में जगह-जगह हिंदू संस्कृति में गजराज के सम्मान के मद्देनजर लोगों ने हाथी को फलाहार खिलाकर उसकी पूजा अर्चना की। शक्तिपीठों की यात्रा पर निकले शकर दास बाबा ने बताया कि भारतीय संस्कृति में गजराज की अगाध श्रद्धा से पूजा अर्चना की जाती है। इसका भी विशेष महत्व है कि हाथी के नीचे से निकल कर आगे की टागों से होते हुए तीन बार परिक्रमा करने से व्यक्ति स्वस्थ बने रहने के साथ-साथ गणेश जी की अपार कृपा भी प्राप्त किए रहता है।
उन्होंने बताया कि वह पैदल यात्रा पर निकले हुए हैं। लुधियाना से होते हुए अब वह ज्वालाजी, चिंतपूर्णी, मा चामुंडा की ओर रवाना हो रहे हैं। इस यात्रा को पूरा करने में करीब चार महीने लगेंगे। उन्होंने बताया कि गजराज की आयु 51 वर्ष है। कोरोना की आपदा को खत्म होने की कामना को लेकर ही संतजन गजराज के साथ शक्तिपीठों की पैदल यात्रा पर निकले हैं। प्रकाश पर्व समागम के लिए दिए निमंत्रण पत्र
एसजीपीसी मेंबर भाई अमरजीत सिंह चावला ने शहर के विभिन्न राजनीतिक धार्मिक व हिदू समाज के लोगों को श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व के कार्यक्रम में आने के लिए घर- घर जाकर निमंत्रण पत्र दिए। उन्होंने कहा श्री गुरु तेग बहादुर के मानवता के भले के लिए कार्यों को याद करते हुए इन कार्यक्रमों में सभी को भाग लेना चाहिए। इसी के लिए एसजीपीसी आनंदपुर साहिब में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित कर रही है। कार्यक्रम आज से शुरू होंगे।