नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट का बायकाट करने का एलान

जिले के विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब में से निकलने वाले भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले ग्रीन फील्ड नेशनल हाईवे के लिए जमीन अधिगृहित करने में किसानों ने उचित मुआवजा न मिलने तक जमीन का कब्जा न देने का एलान किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 09:30 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 09:30 PM (IST)
नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट का बायकाट करने का एलान
नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट का बायकाट करने का एलान

जागरण संवाददाता, रूपनगर: जिले के विधानसभा क्षेत्र चमकौर साहिब में से निकलने वाले भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाले ग्रीन फील्ड नेशनल हाईवे के लिए जमीन अधिगृहित करने में किसानों ने उचित मुआवजा न मिलने तक जमीन का कब्जा न देने का एलान किया है। साथ ही प्रोजेक्ट का बायकाट करने और विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी का विरोध करने का फैसला किया है। रूपनगर प्रेस क्लब में रोड किसान संघर्ष कमेटी जिला रूपनगर के प्रधान गुरजीत सिंह गिल और उपाध्यक्ष एडवोकेट सतनाम सिंह सत्ती ने कहा कि किसानों की जमीन अधिग्रहण करने के मामले में बड़ा स्कैंडल किया जा रहा है। किसानों की जमीन के दाम लगाकर किसानों के साथ धक्का किया जा रहा है। अगर सरकार ने किसानों के साथ धक्का होने से नहीं रोका तो मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को इसका नतीजा विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। संघर्ष कमेटी ने चेतावनी दी कि अगर मुख्यमंत्री चन्नी किसानों को केवल आश्वासन ही देते रहे और उनकी जमीन कौड़ियों के भाव केंद्र सरकार ने अधिगृहित कर ली तो उनका बायकाट किया जाएगा। किसान हाइवे बनाने वाली प्रोजेक्ट कंपनी और अधिकारियों के साथ मौके पर जाकर टकराएंगे, इसका जो भी परिणाम निकलेगा इसके लिए पंजाब सरकार जिम्मेदार होगी। कलेक्टर रेट तय करने में की गई धांधली एडवोकेट सतनाम सिंह सत्ती ने कहा कि कलेक्टर रेट तय करने में भी धांधली की गई है। किसी गांव की जमीन का दाम उस गांव में तीन साल में हुई रजिस्ट्रियों में अधिकतम दाम की रजिस्ट्रियों को देखते हुए एक रेट (छंटनी रेट) निकाला जाता है, लेकिन इसमें भी अफसरों ने मनमर्जी की है। इसकी ताजा मिसाल है रूपनगर तहसील का गांव गुरपुरा का एक अवार्ड एक रजिस्ट्री के आधार पर ही कर दिया गया, जबकि ये कानून के मुताबिक सही नहीं है। साथ लगते गांवों की रजिस्ट्रियां देखकर एक रेट निकाला जाना चाहिए था। नेशनल हाइवे 205 के साथ लगते गांवों की जमीन का अवार्ड 30 लाख रुपये तक कम किए गए हैं। आर्बिटेटर के पास जाएंगे: गिल गुरजीत सिंह गिल ने कहा कि डिप्टी कमिश्नर रूपनगर सोनाली गिरी ने किसानों को आर्बिटेटर के पास अपील करने के लिए कहा है। अब वह वहां जाएंगे। एक माह देखेंगे, अगर कुछ न हुआ तो प्रोजेक्ट का बायकाट किया जाएगा। अधिगृहित जमीन का कब्जा नहीं दिया जाएगा। सरकारी मशीनरी आएगी, तो उसे काम नहीं करने दिया जाएगा। 51 गांवों की 564 जमीन हो रही है अधिगृहित ग्रीन फील्ड नेशनल हाईवे नंबर 205-के के तहत जिला रूपनगर के 51 गांवों की जमीन अधिगृहित की जा रही है। 564 एकड़ जमीन अधिगृहित की जा रही है और ये सारी जमीन विधानसभा हलका चमकौर साहिब की है। केवल एक गांव पपराला विधानसभा रूपनगर का हिस्सा है। तहसील मोरिडा के 16 गांवों की जमीन, तहसील रूपनगर के 8 गांवों की जमीन और तहसील श्री चमकौर साहिब के 27 गांवों की जमीन आती है।

किसानों के साथ हो रहा अन्याय : सतनाम एडवोकेट गिल ने कहा कि जिला रूपनगर में धौलरां गांव में एक ग्राम पंचायत की जमीन हाल ही में प्रशासन ने एक जमीन प्राइवेट कंपनी को नीलामी करवाकर 23 एकड़ 5 कनाल 14 मरले जमीन 26 लाख रुपये से अधिक दाम पर इसी साल बेची गई है। लेकिन धौलरां गांव का अवार्ड मात्र 13 लाख 26 हजार ही दिया गया है। ये आधा ही रेट है। यानी सरकारी जमीन महंगी और किसान की जमीन सस्ती, ये अन्याय है।

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