फाल आर्मी वार्म ने तबाह की मक्के की फसल
चंगर इलाके में पिछले साल की तरह इस बार भी मक्के की फसल को कीड़े ने चट करना शुरू कर दिया है।
संवाद सूत्र, कीरतपुर साहिब: चंगर इलाके में पिछले साल की तरह इस बार भी मक्के की फसल को कीड़े ने चट करना शुरू कर दिया है। इसको लेकर चंगर इलाके के किसान परेशान हैं। उन्होंने कृषि विभाग से गुहार लगाई है कि फसलों का सर्वे कर किसानों को इस कीड़े से फसल बचाने के लिए जानकारी दें और कौन सी दवा का छिड़काव इस कीड़े से फसल बचाने के लिए करना है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल मक्के की फसल को ऐसे कीड़े ने बहुत ज्यादा खराब कर दिया गया था, जिससे फसल का बहुत ज्यादा झाड़ घट गया था। इस बार भी अभी फसल की बिजाई को करीब एक माह का समय हुआ है और इस कीड़े ने दोबारा फसल पर हमला कर दिया गया है। पत्तों को यह कीड़ा खत्म करता जा रहा है। कृषि विभाग के जिला अफसर डा. अवतार सिंह ने कहा कि वह पिछले करीब तीन सालों से किसानों को इस कीड़े के बारे में जागरूक करने के लिए कैंप लगा रहे हैं । फाल आर्मी वार्म नाम के कीड़े ने तीन साल पहले दक्षिणी भारत में दस्तक दी थी और अब यह कीड़ा पंजाब में मक्का की फसल पर हमला कर रहा है। कीड़ा मक्के की 10 से 40 दिन की फसल पर ज्यादा हमला करता है। इस की रोकथाम के लिए 0.4 मिली कलोरएट्रानिलीपरोल, 18.5 एससी या 0.5 सपाइनटोरम, 11.7 एससी या 0.4 एमामैकटिन बैंजोएट पांच एसजी प्रति लीटर दिनों 20 दिनों की फसल के लिए 120 लीटर और इससे बड़ी फसल पर 200 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ प्रयोग करें। इसके इलावा चारे वाली फसल फर 0.4 मिलीलीटर कलोरएटरानिलीपरोल 18.5 एससी प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जाए। छिड़काव से चारे की कटाई के बीच वाला समय कम से कम 21 दिनों का जरूर होना चाहिए।