फसली चक्र को अपनाया, आमदनी में चोखा मुनाफा कमाया
नूरपुरबेदी ब्लाक के गांव अबियाणा के किसान परमजीत सिंह ने रिवायती फसल के चक्र का छोड़कर फसली विभिन्नता को अपनाते हुए अपनी कमाई में जहां बड़ा इजाफा किया है वहीं अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं।
मनदीप बाली, नूरपुरबेदी: नूरपुरबेदी ब्लाक के गांव अबियाणा के किसान परमजीत सिंह ने रिवायती फसल के चक्र का छोड़कर फसली विभिन्नता को अपनाते हुए अपनी कमाई में जहां बड़ा इजाफा किया है, वहीं अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। किसान ने फलों और सब्जियों की खेती करने का प्रयास कर अपनी आय में कई गुणा इजाफा किया। परमजीत सिंह ने सबसे पहले फसलों के अवशेष को आग न लगाने की दिशा में अन्य किसानों के लिए जागरूकता मुहिम चलाई और बाद में पानी का कम इस्तेमाल कर और कीटनाशक का कम उपयोग रोकने की तरफ कदम बढ़ाए । खेतीबाड़ी माहिरों से मिले योग्य मार्गदर्शन से वह आज अधिक आमदन वाले किसानों की कतार में खड़ा है। उसके फार्म हाउस का विदेशी विद्यार्थियों का डेलिगेशन भी दौरा कर चुका है। परमजीत सिंह ने कहा कि उसने 11 एकड़ में विटर डोन, विटर स्टार, कैमीरोज, एसए, नविला, राणिया, स्वीट सनशेशन अर्ली सहित कई किस्म के स्ट्राबेरी के पौधे सितंबर मध्य से अक्तूबर मध्य तक लगाए, जिनके फल का उत्पादन दिसंबर में शुरू हुआ है। एक एकड़ में करीब 30 हजार पौधे लगाए, जिन पर ढाई लाख रुपये प्रति एकड़ खर्च आया। एक एकड़ में करीब छह से सात लाख रुपये फसल की आमदन हो जाती है। ढाई एकड़ में को पिट वैरायटी भी लगाई है, जिस पर तीन से चार लाख रुपये प्रति एकड़ खर्च आया। इस पर आमदन आठ से 12 लाख रुपये प्रति एकड़ हो जाती है। इस बार उसने वर्टिकल फार्मिंग में कम जगह में अधिक पौधे लगाने की शुरुआत की है। एक एकड़ में एक लाख दस हजार पौधे स्ट्राबेरी के लगाएंगे, जिस पर करीब नौ लाख रुपये प्रति एकड़ खर्च आएगा । इस पर करीब 38 लाख रुपये तक प्रति एकड़ आमदन हो सकती है। किसान ने बताया कि उसका एमके फ्रूट फार्म अब आनलाइन बिक्री के लिए भी अपनी सेवाएं दे रहा है। वह विभिन्न उत्पादों को चंडीगढ़ व जालंधर की मंडियों में बेचता है। उसके खेतों में करीब 18 महिलाएं और सात पुरुष मजदूर कार्य करते हैं, जिन्हे सीधे उनके खातों में वेतन की अदायगी की जाती है। किसान की पत्नी परमजीत कौर पैकिग के साथ साथ लेबर की देखरेख व अन्य सारा हिसाब-किताब संभालती है।