करोड़ों से बना नशा छुड़ाओ केंद्र पांच साल से बंद

कैप्टन सरकार की नींव ही नशे के खात्मे के लोगों के साथ वादे से हुई थी लेकिन कैप्टन सरकार के कार्यकाल का आधे से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद योजनाबंदी के अभाव और अव्यवस्था के बीच कटली मार्ग पर करोड़ों रुपये खर्च करके बनाए गए नशा छुड़ाओ केंद्र की इमारत आज भूतिया बंगला बनी हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 11:38 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 11:38 PM (IST)
करोड़ों से बना नशा छुड़ाओ केंद्र पांच साल से बंद
करोड़ों से बना नशा छुड़ाओ केंद्र पांच साल से बंद

अजय अग्निहोत्री, रूपनगर: कैप्टन सरकार की नींव ही नशे के खात्मे के लोगों के साथ वादे से हुई थी लेकिन कैप्टन सरकार के कार्यकाल का आधे से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद योजनाबंदी के अभाव और अव्यवस्था के बीच कटली मार्ग पर करोड़ों रुपये खर्च करके बनाए गए नशा छुड़ाओ केंद्र की इमारत आज भूत बंगला बनी हुई है। नशेड़ियों की शरणस्थली बन चुकी इस इमारत में नशेड़ी कीमती सामान को नुकसान पहुंचा रहे हैं और सामान कबाड़ में बेचकर अपने नशे का जुगाड़ कर रहे हैं। पांच साल पहले नशा छुड़ाओ केंद्र को सत्ता में आने के तीन साल बाद भी कैप्टन सरकार कोई इस्तेमाल नहीं कर पाई। अब डिप्टी कमिश्नर रूपनगर सोनाली गिरी ने दिलचस्पी लेते हुए इस इमारत के अस्थायी इस्तेमाल के लिए संबंधित स्वास्थ्य विभाग से इजाजत मांगी है। जिला प्रशासन का नजरिया ये है कि जब तक कोर्ट का फैसला होगा तब तक जिला ब्यूरो आफ इंप्लायमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप दफ्तर के ट्रेनिग कैंपस समेत लड़कियों को क्लर्क, स्टेनोग्राफर, कंप्यूटर, ए लेवल और ओ लेवल कोर्स आदि के कंपीटीशन की तैयारी के लिए ट्रेनिग दी जाए। अक्टूबर 2015 में बन गई थी इमारत 15 अक्टूबर 2015 में ये इमारत 6 करोड़ 70 लाख की लागत से मुकम्मल हुई नशा छुड़ाई केंद्र की इमारत को लेकर स्वास्थ्य विभाग फिक्रमंद नहीं है। दूसरी तरफ, इमारत के समीप एक प्राइवेट स्कूल के प्रबंधकों ने स्कूल के बिलकुल साथ नशा छुड़ाओ केंद्र के निर्माण को चुनौती दी हुई है। अब अदालत में मामला विचाराधीन है और इमारत पर खर्च करोड़ों रुपये मिट्टी हो रहा है। ये हैं हालात हालात ये हैं कि इस इमारत में ग्लास (शीशे) समेत बिजली की फीटिग और एल्यूमीनियम की फीटिग का काम हुआ था वो अब चोर चुराकर ले गए हैं। चौकीदार का अभाव होने की वजह से करोड़ों रुपये व्यर्थ हो गया है। तत्कालीन डीसी सुमीत जारंगल और उससे पहले के डीसी स्कूल प्रबंधन के साथ बात करके सकारात्मक हल निकालने का प्रयास कर चुके हैं। तत्कालीन अतिरिक्त सचिव बी.श्रीनिवासन भी इस मामले में प्रयास कर चुके हैं। इमारत में दो पार्ट हैं। एक मरीजों के लिए और दूसरा डाक्टरों के लिए। दस के आसपास बड़े कमरे हैं।

प्रिसिपल सेक्रेटरी को लिखा है, जल्द करेंगे फालोअप: रूपनगर की डीसी सोनाली गिरी ने बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के प्रिसिपल सेक्रेटरी को आधिकारिक तौर पर पत्र लिखा है कि जब तक नशा छुड़ाओ केंद्र का कोर्ट केस चल रहा है तब तक अस्थायी तौर पर जिला ब्यूरो आफ इंप्लायमेंट एंड इंटरप्रेन्योरशिप के लिए इस्तेमाल करने के लिए दिया जाए। इसकी जरूरी मरम्मत करवाई जाएगी। इससे कोरोना के मद्देनजर फिजिकल डिस्टेंसिग का पालन हो पाएगा। क्योंकि अभी जिला ब्यूरो आफ इंप्लायमेंट एंड इंटरपेन्योरशिप का ट्रेनिग का काम सचिवालय में बने दफ्तर में नहीं हो पाता। जो जल्द पत्राचार का फालोअप करेंगी।

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