63 ट्यूबवेल को मिली मंजूरी, पानी की समस्या होगी दूर: ढिल्लो
रूपनगर विधानसभा हलके के विभिन्न गांवों में चली आ रही पानी की समस्या का समाधान करते हुए पंजाब सरकार ने यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बरिदर सिंह ढिल्लों की मांग पर 63 नए ट्यूबवेल लगाने की मंजूरी प्रदान की है।
संवाद सहयोगी, रूपनगर: रूपनगर विधानसभा हलके के विभिन्न गांवों में चली आ रही पानी की समस्या का समाधान करते हुए पंजाब सरकार ने यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बरिदर सिंह ढिल्लों की मांग पर 63 नए ट्यूबवेल लगाने की मंजूरी प्रदान की है। इस पर ढिल्लों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह का आभार व्यक्त करते कहा कि मंजूर हुए ट्यूबवेल चालू होने के बाद हलका वासियों को पानी की बड़ी समस्या से राहत मिलेगी । उन्होंने कहा कि उन्होंने यह समस्या प्रदेश सरकार के समक्ष रखी थी, जिसके बाद सरकार ने 63 ट्यूबवेल मंजूर किए हैं। घाड़ इलाके के लिए 18 ट्यूबवेल मंजूर किए गए हैं । इसके अलावा ब्लाक नूरपुरबेदी के लिए 45 ट्यूबवेल मंजूर किए गए हैं, जिनके चालू होते ही ब्लाक अंदर पानी की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि नूरपुरबेदी ब्लाक में विधायक रहते केवल पूर्व राज्य मंत्री एवं कांग्रेस नेता डा. रमेश दत्त शर्मा ने ही उस वक्त की जरूरत के अनुसार ट्यूबवेल लगवाए थे व उनके बाद पानी की समस्या के बारे किसी भी नेता ने कुछ नहीं सोचा। अब नए ट्यूबवेल के चालू होने से पानी की समस्या के साथ साथ सिचाई की समस्या का भी समाधान संभव हो जाएगा। गलत नीतियों से खतरे में सहकारी सभाएं
संवाद सूत्र, मोरिडा: भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के राज्य महासचिव परमिदर सिंह चालाकी, परमजीत सिंह अमराली, बहादुर सिंह ढंगराली, सुखदीप सिंह भंगू ने कहा कि रजिस्ट्रार सहकारी सभाओं पंजाब द्वारा पंजाब भर में यूरिया खाद की बांट को लेकर सहकारी सभाओं से भेदभाव किया है। परमिदर सिंह चालाकी ने कहा कि पंजाब में स्वर्गीय सहकारिता मंत्री कैप्टन कंवलजीत सिंह के चले जाने के बाद सहकारिता विभाग में एक से एक सहकारिता विरोधी फैसले लिए जा रहे हैं। इनमें शुगर मिल में बंद पड़े को जेनरेशन प्लाट व सहकारी सभाओं को आर्थिक मदद भी शामिल है। यूनियन के नेताओं ने बताया कि पंजाब भर में इफ्को, मार्कफेड और अन्य निजी एजेंसियां युरिया सप्लाई करती हैं, जिसमें इफ्को कंपनी सहकारी सभाओं को बाकियों से अधिक कमिश्न देती है। चलाकी ने कहा कि रजिस्ट्रार सहकारी सभाओं द्वारा एक पत्र द्वारा सहकारिता विभाग के संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि जो कोई सहकारी सभाएं घाटे में चल रही हैं, उन सभाओं को ही इफ्को खाद दी जाए, जबकि मुनाफे में चल रही सहकारी सभाओं को मार्कफैड द्वारा यूरिया खाद भेजी जाए। उन्होंने कहा कि एक तो इफ्को की खाद बाकी कंपनियों के खादों से गुणवत्ता बढि़या होती है। इसकी बाकी खादों से मांग भी ज्यादा है। पत्र में यह भी दिखाया गया है कि इफ्को द्वारा सहकारी सभाओं को सिर्फ 25 प्रतिशत यूरिया दिया जाए, जबकि मार्कफैड द्वारा 75 प्रतिशत यूरिया सप्लाई करने के लिए कहा है। चलाकी ने कहा कि जो सहकारी सभाएं बढि़या कारगुजारी से मुनाफे में चल रही हैं, उन्हें किस बात की सजा दी जा रही है। हमारे सहकारिता विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि वह सहकारी सभाओं को मुनाफे में पहुंचाने के लिए प्रयास करते रहें।